tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post1985026778028300913..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: आदरणीय चिपलूनकर जीDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-76796810454840255672010-03-13T09:18:24.968-08:002010-03-13T09:18:24.968-08:00किसी की श्रद्धा और धर्म का मज़ाक बनाना, अश्र्द्धाल...किसी की श्रद्धा और धर्म का मज़ाक बनाना, अश्र्द्धालुओं को कभी शोभा नहीं देता जो भी ऐसा करता है वह देर सबेर जगहंसाई का कारण बनता ही है ! हर व्यक्ति विशेष की बुद्धि का अपना दायरा होता है तदनुसार ही उसके कार्यकलाप और धार्मिक और सामाजिक तथ्यों के विश्लेषण करने की, समझ होती है , अगर आप लोग अपनी बुद्धि पर भरोसा करके पूरे वैश्विक धर्म के पैरोकार बन रहे हैं तो निस्संदेह गलत कर रहे हैं , यह समस्या आप दोनों के बीच की है जिसे आप सार्वभौमिक बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं !<br /><br />व्यक्ति श्रद्धा के सामने बेहद तुच्छ होता है आशा है कि यह बहस कर अच्छी अच्छी बाते बताइए ताकि समाज का कुछ भला हो !शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com