tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post3494972847048857916..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: गाय की आड़ में आतंक का खेलDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-59733102736581420432012-04-19T21:51:19.951-07:002012-04-19T21:51:19.951-07:00गो रक्षा की नीति ?
@ राजन जी ! यह भारत है। यहां गा...<b> गो रक्षा की नीति ?</b><br />@ राजन जी ! यह भारत है। यहां गाय काटने पर ब्राह्मण-बनियों की भावनाएं आहत हो जाती हैं तो पेड़ काटने पर विश्नोई समाज की और मक्खी-मच्छर मारने पर जैनियों की। सबकी भावनाओं का ध्यान पहले ख़ुद हिंदू समाज रखकर दिखाए। पहले ख़ुद आदर्श प्रस्तुत करे और उसके बाद दूसरों से उस पर चलने के लिए कहे।<br />अपने आदर्शों के मुताबिक़ व्यवहार न करने वालों को भावनाएं भड़का कर समाज में नफ़रत की दीवारें खड़ी करने का कोई हक़ नहीं है।<br />जो आदमी जहां रह रहा है, वहां वह अपने आदर्शों के लिए कितना बलिदान दे रहा है ?<br />किसी के चरित्र को जानने के लिए यही सच्चा पैमाना है और दिव्या जी जैसे तमाम प्रचारक इसमें झूठे ही साबित होते हैं।<br /><br />गो रक्षा निस्संदेह होनी चाहिए और उसका तरीक़ा यह है कि यह पता लगाया जाए कि विश्व में सबसे अच्छी और सबसे ज़्यादा गाय कहां पाई जाती हैं ?<br />फिर यह जाना जाए कि गो संवर्धन और गो रक्षा के विषय में उनकी नीति क्या है ?<br />उस नीति पर चला जाए तो निश्चय ही गो रक्षा भी होगी और सभी वर्गों का सहयोग भी मिलेगा।<br /><br />धन्यवाद !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-5787614536326831832012-04-19T21:42:13.435-07:002012-04-19T21:42:13.435-07:00@ तारकेश्वर गिरी जी ! आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई।...@ तारकेश्वर गिरी जी ! आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई। <br />आपका शुक्रिया !<br />इसी विषय से संबंधित हमारी एक पुरानी पोस्ट का अंश आप यहां देखिए, नए शीर्षक के साथ,<br />साथ ही देशप्रेमियों का स्वागत है हमारी नई पोस्ट पर<br /><br /><b>मुझे गालियां देने वाले इस देश, समाज और मानवता का अहित ही कर रहे हैं Abusive language of so called nationalists <br /></b><br />http://ahsaskiparten.blogspot.in/2012/04/abusive-language-of-so-called.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-66131693295041981722012-04-19T21:36:59.111-07:002012-04-19T21:36:59.111-07:00@ भाई शहरयार ! देर आयद दुरूस्त आयद,
आपकी बात पर यह...@ भाई शहरयार ! देर आयद दुरूस्त आयद,<br />आपकी बात पर यही कहा जा सकता है।<br /><br />सबको एक पैमाने से नापने की ईमानदारी दिखाई जाए तो हमारा देश विश्व का निराला देश होगा।<br />आज़ादी तब पाई है जबकि हमारे बुज़ुर्गों ने बहुत बड़ी क़ीमत चुकाई है।<b> आपस का टकराव हमें फिर से ग़ुलाम बना देगा।</b><br />इसलिए नफ़रत और टकराव से हमेशा बचना चाहिए।<br /><br />टकराना ही है तो देश के दुश्मनों से और नफ़रत के पुजारियों से टकराना चाहिए ताकि देश की अखंडता और शांति बनी रहे।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-70449259285659789592012-04-19T21:24:06.907-07:002012-04-19T21:24:06.907-07:00@ कुमार राधा रमण जी ! एक ज़माना था जबकि दिव्या जी ...@ कुमार राधा रमण जी ! एक ज़माना था जबकि दिव्या जी की पोस्ट्स में समाज और इलाज के बारे में बहुत कुछ होता था। ब्लॉगर्स का जमघटा वहां टिप्पणी के लिए लगा रहता था। एक बार तो उनकी पोस्ट पर लगभग 300 कमेंट्स आ गए लेकिन जैसे जैसे चुनाव क़रीब आता गया। उनके लेखन से वह सब ग़ायब होता गया और इसी के साथ वे लोग भी ग़ायब हो गए जिन्हें वह अपना मम्मी-पापा, ताऊ-चाचा और बहन-भाई कहती थीं। 300 टिप्पणी वाली ब्लॉगर को 30 टिप्पणियां भी न मिलें तो स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना स्वाभाविक है। यही सोचकर हम उनकी किसी बात का बुरा नहीं मानते। अब तो उन्होंने टिप्पणी ऑप्शन ही बंद कर दिया है।<br />समर्थन चाहे जिस पार्टी का किया जाए लेकिन सामाजिक सदभाव पर आघात किसी भी पार्टी के लिए न किया जाए।<br />हमारा काम दिलों को जोड़ना होना चाहिए न कि उन्हें तोड़ना।<br />सच कहने वालों का अपमान करके उन्हें ख़ामोश करने की कोशिश शैतान किया करते हैं। शैतानों को जो नज़रअंदाज़ कर सकता है, इंसान वही बन पाता है। जैसे जैसे इंसानियत का दायरा बढ़ता जाएगा वैसे शैतानियत का ख़ात्मा होता चला जाएगा।<br /><br />आपके ईमानदार कमेंट के लिए आपका शुक्रिया।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-55004193007011618622012-04-19T21:08:06.761-07:002012-04-19T21:08:06.761-07:00@ प्यारे भाई कुंवर जी ! हमने टिप्पणी हटाने के साथ ...@ प्यारे भाई कुंवर जी ! हमने टिप्पणी हटाने के साथ ही सूचित भी किया था कि आप हमें संबोधित कीजिए और पोस्ट की आलोचना कीजिए।<br />इस विषय में आपके ब्लॉग पर भी हम बता चुके हैं।<br />धन्यवाद !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-22046653198864137412012-04-19T20:40:58.837-07:002012-04-19T20:40:58.837-07:00जब गाय की बात आती है तो उनके मज़हब के हिसाब से उनकी...जब गाय की बात आती है तो उनके मज़हब के हिसाब से उनकी सोच आ जाती है और जब बकराईद की बात आती है तब भी हमारा मज़हब या हमारी सोच नहीं बल्कि अपने धर्म के मुताबिक ही अपनी सोच सामने लेकर आते है. यह सही है कि वह गाय की इज्ज़त अपने धर्म के हिसाब से करते हैं, लेकिन वही इज्ज़त दूसरों के धर्म की क्यों नहीं की जाती जब बातें दूसरों की धार्मिक रीतियों की होती है?<br /><br />बकराईद पर बातें तर्क की होती हैं और गाय पर धर्म की, वाह जी वाह!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03953850203726679051noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-21409273886326163332012-04-19T02:21:14.798-07:002012-04-19T02:21:14.798-07:00Bahut hi acchha likha anwar bhai aapne. Divya ji j...Bahut hi acchha likha anwar bhai aapne. Divya ji jais "deshbhakt" ke lie musalamanon se nafrat sabse zaruri hissa hai unki zindagi ka. Divya ji jaisi log asset na hokar liability hain samaj ke lie aur aise bhagwa nafratparast ka bahishkaar karna chahiye. ek lafz muhabbat ka bol nahi sakti - keval nafrat phailana unki deshbhakti hai.OneGod-OneWehttps://www.blogger.com/profile/01622922302145752321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-36837236062108202402012-04-18T22:18:34.818-07:002012-04-18T22:18:34.818-07:00Achhi post haiAchhi post haiTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-32014427058782437192012-04-18T21:53:01.313-07:002012-04-18T21:53:01.313-07:00आपको मेरी टिप्पणी में ऐसा क्या आपत्तिजनक लगा कि न ...आपको मेरी टिप्पणी में ऐसा क्या आपत्तिजनक लगा कि न केवल आप ने मेल पर इसकी मुझे शिकायत की,न केवल ऐसा न करने कि नसीहत दी बल्कि मेरी टिप्पणी डिलीट भी कर दी!<br /><br />कुँवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-60237144975948172402012-04-18T03:29:02.376-07:002012-04-18T03:29:02.376-07:00इस विषय पर अभी हम अपने ही देश में लड रहे हैं,, कभी...इस विषय पर अभी हम अपने ही देश में लड रहे हैं,, कभी आस्ट्ेलिया की गउ की फिकर हम क्यूं नहीं कर रहे <br /><br />Video: Disturbing Abuse Of Australian Cattle At Slaughterhouses <br /><br />www.disinfo.com/2011/06/video-disturbing-abuse-of-australian-cattle-at-slaughterhouses/iqbalhttps://www.blogger.com/profile/11223010201918835943noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-10377149780813101622012-04-17T23:21:23.611-07:002012-04-17T23:21:23.611-07:00दिव्याजी ने हिंदी ब्लॉगिंग में महत्वपूर्ण योगदान क...दिव्याजी ने हिंदी ब्लॉगिंग में महत्वपूर्ण योगदान किया है। किंतु,पिछले कुछ समय की उनकी दो-चार पोस्टें निश्चय ही निंदनीय हैं। इन्हें देखकर यह यक़ीन करना मुश्किल होता है कि हम उन्हीं दिव्याजी को पढ़ रहे हैं जिनकी पोस्टें कभी गहन बौद्धिक विचार-विमर्श का केंद्र हुआ करती थीं।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-7203518893310876532012-04-17T23:13:30.866-07:002012-04-17T23:13:30.866-07:00आपस का टकराव ख़त्म हो तो भारत की ताक़त दुनिया की अक...आपस का टकराव ख़त्म हो तो भारत की ताक़त दुनिया की अकेली ताक़त होगी।<br />जो लोग भारत में टकराव की फ़िज़ा बना रहे हैं वे भारत का भला नहीं कर रहे हैं।<br />विदेशी आतंकवादियों के आने-बुलाने की ज़मीन यही लोग बनाते हैं।Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-71445516303077895232012-04-17T22:03:49.966-07:002012-04-17T22:03:49.966-07:00आपकी बात से सहमत हूँ.हालाँकि मैं किसी भी जानवर को ...आपकी बात से सहमत हूँ.हालाँकि मैं किसी भी जानवर को मारने व माँसाहार के खिलाफ हूँ.लेकिन इसे रोकने के नाम पर धार्मिक विद्वेष फैलाने के भी सख्त खिलाफ हूँ.हमें कोई सार्थक बदलाव करना ही हैं तो अपने घर या अपने धर्म से करना चाहिये.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.com