tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post3799238515191760020..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: कामकाजी औरतों का क्लासिफ़िकेशन The classification of working womenDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-3706783982229929302011-08-30T19:03:31.570-07:002011-08-30T19:03:31.570-07:00सबसे पहले तो ईद की शुभकामनायें स्वीकार करें !
आपसे...सबसे पहले तो ईद की शुभकामनायें स्वीकार करें !<br />आपसे एक बात पे असहमत हूँ, हर औरत केवल मजबूरी के चलते ही बाहर काम करने जाती है यह गलत सोच है ... <br />कई औरत अपना करियर बनाना चाहती है ... अच्छी पोस्ट पे जाना चाहती है ... इसलिए भी काम करती है ... कोई मजबूरी के तहत नहीं ...<br />हाँ आप चाहे तो अपनी बेहतरी करने की इच्छा को भी मजबूरी कह सकते हैं ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-49773607325091047592011-08-30T08:35:11.254-07:002011-08-30T08:35:11.254-07:00मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का
कैसी खुशी ले के आया...मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का<br />कैसी खुशी ले के आया चाँद ईद का<br />ईद की बहुत-बहुत मुबारकबाद.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-46061324550132347592011-08-30T00:17:29.333-07:002011-08-30T00:17:29.333-07:00अनवर जी हम ये सब भली भांति जानते हैं और ये भी ज...अनवर जी हम ये सब भली भांति जानते हैं और ये भी जानते हैं की जितनी बातें आदमी करते हैं उतनी महिलाएं कभी नहीं कर सकती वे कभी कभी मिलती हैं और इसलिए उनमे कुछ देर बातें हो जाती हैं और जो जिसकी चिंता करता है उसी की बातें करता है.पर हम ये भी जानते हैं की बहुत से आदमी केवल अपने घर की ही बातें बाहर करते हैं और दूसरों से भी उनके घर की ही बातें जानना चाहते हैं.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-69956798304372681142011-08-29T12:57:14.838-07:002011-08-29T12:57:14.838-07:00क्या यह जानने का कोई तरीक़ा है कि औरतों और मर्दों म...क्या यह जानने का कोई तरीक़ा है कि औरतों और मर्दों में से कौन बाहर के कामों की प्रकृति वाला है और कौन घर के काम संभालने वाला ?<br />जी हां इसे जानने का तरीक़ा मौजूद है और बहुत आसान है।<br />आप देखिए कि जब भी घर से बाहर चार औरतें इकठ्ठी होंगी तो वे बातें घर की करेंगी चाहे वे ‘कामकाजी औरतें‘ ही क्यों न हों !<br />जबकि आप घर के अंदर चार मर्दों को इकठ्ठे बैठे देखकर उनकी बातें सुनिए वे घर से बाहर की बातें कर रहे होंगे।<br /><br />यह चीज़ें औरतों और मर्दों का स्वभाव है।<br />विद्वान लोग इन बातों को ख़ूब जानते हैं, आप भी जानती होंगी।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-4491081476148260572011-08-29T12:01:11.835-07:002011-08-29T12:01:11.835-07:00जिस समाज की बेहतरी मंज़ूर हो तो उस समाज की औरतों क...जिस समाज की बेहतरी मंज़ूर हो तो उस समाज की औरतों को बेहतर बना दीजिए, ऐसा कहना है डा. अनवर जमाल का।<br /><br />जो असहमत हो, वह आकर बहस कर ले, वर्ना सब के सब सहमत समझे जाएंगे।<br />................<br />यह एक हल्की फुल्की पोस्ट है, जिसे बस यूं ही लिख दिया लेकिन जो भी लिखा है, वह एक हक़ीक़त के तौर पर ही लिखा है।<br />जो भी आपने लिखा है एक एक शब्द सही है और आपसे बहस कर क्या किसी को फंसना है क्या सही गलत के मसले में.किन्तु आप ये मत समझिएगा की ये मैंने आपकी पूरी पोस्ट के लिए कहे हैं ये शब्द मात्र इन पंक्तियों के लिए हैं जो मैंने यहाँ प्रस्तुत की हैं .<br />कितनी ही महिलाएं वो योग्यता रखती हैं जो देश के नव निर्माण में ज़रूरी है और इसलिए सभी मजबूरी वश नहीं बल्कि योग्य होने पर भी काम के लिए घर से बाहर आती हैं ऐसे में जो पुरुष घर से बाहर काम के योग्य नहीं हैं उनके लिए भी ये बात कही जा सकती है की वे आदमी होने की मजबूरी के चलते बाहर काम को विवश हैं उन्हें ऐसे में घर संभालना चाहिए.<br /><br /><a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">न छोड़ते हैं साथ कभी सच्चे मददगार</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com