tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post5110513031900342767..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: गाना गाओ इमेज बनाओ Image engineeringDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-24014415296161695912010-12-28T07:34:33.278-08:002010-12-28T07:34:33.278-08:00@ MAN ! अगर आप भी न समझोगे तो फिर कौन समझ पाएगा मे...@ MAN ! अगर आप भी न समझोगे तो फिर कौन समझ पाएगा मेरी बात । मुझे आपसे बड़ी आशाएं हैं , आपका ऐसी बातें करना आपकी शान और समझ के मुताबिक़ नहीं है । <br />ब्लाग पर आपकी तशरीफ़ आवरी के लिए शुक्रगुज़ार हूं।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-22153754527003021872010-12-28T07:15:28.031-08:002010-12-28T07:15:28.031-08:00डॉ. साहब आपके रोष और दर्द की वजह समझ नहीं आ रही ह...डॉ. साहब आपके रोष और दर्द की वजह समझ नहीं आ रही हे ?Manhttps://www.blogger.com/profile/04207741457433540498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-85181710445368482282010-12-27T22:03:04.915-08:002010-12-27T22:03:04.915-08:00ठीक कहते हो शांति को ही अरबी में 'सलाम' कह...ठीक कहते हो शांति को ही अरबी में 'सलाम' कहते हैं और यह पालनहार का एक नाम भी है ।<br />इसलाम का अर्थ शांति भी है । जब लोगों का भाषा ज्ञान बढ़ेगा तब लोग ख़ुद ब ख़ुद यह जान जाएंगेAslam Qasmihttps://www.blogger.com/profile/17354036926492989803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-46960538247799047772010-12-27T22:01:48.858-08:002010-12-27T22:01:48.858-08:00मासूम साहब से सहमत - visitor बढ़ाने के लिए quality...मासूम साहब से सहमत - visitor बढ़ाने के लिए quality चाहिए, जिसके पास यह नहीं होती वोह टिप्पणी समूह बना लिया करता है, खुद की संतुष्टि के लिए.अवधेश कुमारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-15938700434227169852010-12-27T20:48:03.227-08:002010-12-27T20:48:03.227-08:00@ जनाब मासूम साहब !
आपकी बात दुरूस्त है ।
मैं चाह...@ जनाब मासूम साहब !<br />आपकी बात दुरूस्त है ।<br /><br />मैं चाहता हूं कि बहन रश्मि जी , भाई अजय जी , जनाब सतीश सक्सेना जी और दूसरे तमाम उन लोगों के 'अमन के पैग़ाम' ज़्यादा से ज़्यादा आम हों जो कि आपके मंच से भविष्य में देने वाले हैं। इसलिए आप इस ब्लाग को हिंदी के उन तमाम एग्रीगेटर्स पर जोड़ दीजिए जिनका ज़िक्र आज <br />blogbukhar.blogspot.com<br />पर किया गया है । इसके लिए आप हमारी वाणी पर जाकर हॉट लिस्ट में लेख <br />'इतने सारे गेट'<br />पर चटका दें ।<br /><br />आपको वहां मेरा लिखा हुआ यह कमेँट भी मिलेगा जिसमें मेरी इसी नई पोस्ट का लिंक भी है : <br /><br />लाभकारी जानकारी !<br />धन्यवाद !<br />आपके गेट अच्छे लगे ? लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेट के अंदर कोई गाना क्यों गाता है ?<br />देखिए <a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com" rel="nofollow">मेरे गेट के अन्दर </a><br />Image engineering<br /><br />आपको एक दो ने डाउन करना चाहा लेकिन शांति सैनिकों के इतने बड़े लश्कर ने आपको ब्लॉग सिकंदर बनाकर उन्हें भी रंज में डाल दिया जो उनके चापलूस , सरपरस्त और प्रशंसक हैं । आने वाले समय में ये 'दमन दोस्त' मठाधीश आपको डाउन करने की नई स्कीम लाने की कोशिश करेंगे <br />अर्थात<br />आने वाले समय में आप सभी अमन प्रहरियों का जलवा बढ़ने वाला है ।<br />हवा जितनी ज़्यादा तेज़ और ख़िलाफ़ चलती है ,<br />शाहीन परिंदा फ़ज़ा में उतना ही ज़्यादा बुलंद होता चला जाता है ।<br />अगर आप पाक नबियों की हिकमत से आरास्ता इमामों के नक़्शे क़दम पर हैं तो आपका अमन का झंडा हरगिज़ झुकने वाला नहीं है क्योंकि झंडा आपके हाथों में अपने अहंकार का नहीं है बल्कि आत्मा की पुकार का है , हरेक आत्मा सदा से 'शांति' ही पुकारती आई है ।<br />शांति को ही अरबी में 'सलाम' कहते हैं और यह पालनहार का एक नाम भी है ।<br />इसलाम का अर्थ शांति भी है । जब लोगों का भाषा ज्ञान बढ़ेगा तब लोग ख़ुद ब ख़ुद यह जान जाएंगे और तब मक्का के अबू सुफ़ियान की तरह ये अमन के दुश्मन भी अपने हथियार डाल देंगे । <br />हथियार डालना आत्मसर्मण कहलाता है और इसलाम का एक अर्थ यह भी है ।<br />अबू सुफ़ियान हमेशा तब आया करते हैं जबकि उनके नीचे से ज़मीन खिसक चुकी होती है।<br />इनके पैरों तले से ज़मीन खिसकती जा रही है आपकी वजह से , इसीलिए ये चाहते हैं कि "पैग़ामात" बंद होने चाहिएं ।<br /><br />इसलाम को बदनाम करने के पीछे भी इनका मकसद यही है और जब मैंने इस साजिश के खिलाफ आवाज उठाई तो इन्होंने लगातार मेरे ख़िलाफ़ लिखा ताकि लोग मुझे देश और समाज के एक दोषी के रूप में देखें और मुझ से नफरत करें । आदमी जिससे नफरत करता है उसके पैग़ाम को न तो सुनता है और न ही मानता है।<br /><br />आपके ब्लाग पर मेरी हाज़िरी से मेरे बारे में लोगों की सोच बदल रही थी , उनकी सारी मेहनत पर पानी फिरता जा रहा था केवल आपके कारण और आप जानते भी न थे ।<br />आपको इसी बात की सज़ा दी जा रही है और इसीलिए ये 'गुटबाज़ बुद्धिहरणकर्ता' आपको बदनाम कर रहे हैं ।<br /><br />ये लोग आपको ही नहीं बल्कि अपने हिंदू धर्म को भी बदनाम कर रहे हैं । ये कहते हैं कि 'हिंदू धर्म में शराब पीने की इजाज़त है और नई रूपराशियों के नज़्ज़ारे लेने की भी , इसलिए मैं संतुष्ट हूं '।<br /><br />मैं कहता हूं कि ऐसा कहना हिंदू धर्म का अपमान है । हिंदू धर्म में हरगिज़ किसी जुर्म और पाप की इजाज़त नहीं है । आप हिंदू धर्म को बदनाम न करें । आपको शराब पीनी है , व्यभिचार करना है , सूद लेना है , दहेज लेना है , लड़की के बाप को हल्का दर्जा देना है , रास रचाना है , जुआ खेलना है या कोई और जुर्म करना है तो उसे कीजिए और कहिए कि मैं कर रहा हूं क्योंकि यह मेरा नज़रिया और दर्शन है जैसे कि समलैंगिक और लेस्बियन कहते हैं । वे अपनी गंदी सोच की जिम्मेदारी खुद उठाते हैं , वे धर्म को बदनाम नहीं करते लेकिन ये कहते हैं कि हम जो कर रहे हैं हिंदू धर्म में उसकी अनुमति है । अपने ऐब धर्म की आड़ लेकर पूरे करते हैं , धर्म को बदनाम करते हैं । पहले भी ऐसी ही ग़लत सोच के लोगों ने हिंदू महापुरुषों के बारे में नशा करने , डांस देखने , जुआ खेलने और दहेज लेने की ग़लत बातें लिखकर अपना स्वार्थ पूरा किया है, हिंदू धर्म की महानता को कलंकित किया है और समाज को ऐसी गुमराही की भंवर में डाल दिया है कि वह आज तक निकल न सका और न ही खुद कभी निकल पाएगा । ये मठाधीश खुद तो समाज को भंवर से निकालते नहीं और मुझ जैसे निकालने वाले की छवि भी बिगाड़ देना चाहते हैं ताकि भंवर में डूबने वाले मेरा हाथ पकड़कर बाहर न निकल आएं ।<br /><br />हिंदू धर्म के बारे में इनकी बेहुदा बातों को मैं बकवास मानता हूँ तो ये कहते हैं कि आप हिंदू धर्म के प्रति आस्थावान नहीं हो ! <br /><br />मैं तो आस्थावान हूं लेकिन ये लोग ही आस्थावान नहीं हैं । इसीलिए ये लोग आस्थावान सत्कर्मियों के ख़िलाफ़ हैं ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-15498741268048392882010-12-27T20:08:48.332-08:002010-12-27T20:08:48.332-08:00हम अपने आप को हमेशा सही साबित करना चाहते हैं, हमेश...हम अपने आप को हमेशा सही साबित करना चाहते हैं, हमेशा सोचते हैं की हमने जो कहा वही सही है, सत्य है! हालाँकि दुसरे के दिल को समझना, उसकी भावनाओ को महत्त्व देना भी अपने आप में बहुत बड़ा काम है. लेकिन बड़े काम करने वालो को कोई जानता नहीं है, और अगर लोग जानने लग जाएँ तो वह बड़ा रहता ही नहीं है.... क्योंकि फिर उसके अन्दर बड़प्पन और गर्व जैसी बीमारियाँ आ जाती हैं.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-51556779301752654302010-12-27T19:09:47.569-08:002010-12-27T19:09:47.569-08:00अनवर साहब अहम् यह नहीं की कितनी टिप्पणी आप को मिलत...अनवर साहब अहम् यह नहीं की कितनी टिप्पणी आप को मिलती है, अहम् यह है की आप की बात कितनो तक पहुँचती है. visitor बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए ना की टिप्पणी बढ़ाने की. और visitor बढ़ाने के लिए quality चाहिए, जिसके पास यह नहीं होती वोह टिप्पणी समूह बना लिया करता है, खुद की संतुष्टि के लिए..एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.com