tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post6385267895567557687..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: बंदे के दिल में इसलाम की मारिफ़त कैसे तरक्क़ी पाती है ?DR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-21443879675641759002013-02-04T05:08:30.413-08:002013-02-04T05:08:30.413-08:00@ अनवर जमाल साहब, आपने बहुत अच्छे तरीक़े से शिया स...@ अनवर जमाल साहब, आपने बहुत अच्छे तरीक़े से शिया सुन्नी इख्तेलाफ़ पर रौशनी डाली है। क़ुरआन को हज़रत अली रज़ि. के सामने जमा किया गया और उनके सामने ही इसकी कई कॉपियां तैयार करके इसलामी सल्तनत के बहुत से शहरों में पहुंचाई गईं। उन्होंने इस काम में हमेशा सहयोग दिया। उनका सहयोग उनकी तस्दीक़ है। किसी भी इमाम ने इस क़ुरआन के बारे में वे बातें कभी नहीं कीं, जो कि शिया आलिम करते हैं। उनकी बात का माख़ज़ इमामों के अक़वाल नहीं बल्कि कुछ और है।<br />कुछ और से मुराद यहूदी और मुनाफ़िक़ हैं, जिन्होंने हमेशा क़ुरआन में शक पैदा करने की कोशिश की ताकि इसलाम में फ़िरक़े पैदा हों। <br /><br />@@ ज़ीशान भाई ! एक मुसलमान तो इसी क़ुरआन को असली क़ुरआन मानेगा और दुनिया भी इसी क़ुरआन को असली क़ुरआन मानेगी क्योंकि दूसरा कोई क़ुरआन कभी था ही नहीं और न ही आज है। बात आपके अकेले की नहीं है बल्कि शिया मुज्तहिदीन की है। <br /> क्या शिया मुज्तहिदीन मानते हैं कि अहले बैत की शान की कोई आयत या हज़रत अली रज़ि. की इमामत के ऐलान की किसी आयत का नुज़ूल नहीं हुआ और न ही अबू बक्र रज़ि. व उमर रज़ि. या किसी और ने उसे क़ुरआ से हटाया है ?<br /> उनके ऐसा मानते ही शिया सुन्नी इख्तेलाफ़ की बुनियाद ही ढह जाती है।Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-7151360612709744242013-02-02T20:11:00.060-08:002013-02-02T20:11:00.060-08:00असली कुरान वही है जो हम और आप पढ़ रहे हैं। इसके ...असली कुरान वही है जो हम और आप पढ़ रहे हैं। इसके अलावा कोई दूसरा कुरान नहीं . मैं शिया हूँ लेकिन किसी और कुरान पर यकीन नहीं रखता।zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.com