tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post8497051482373443939..comments2023-07-02T03:03:56.575-07:00Comments on AHSAS KI PARTEN: हमारे पूर्वज हमें ईश्वर से जोड़ते हैं जो कि कल्याणकारी है The Lord Shiva and First Man Shiv jiDR. ANWER JAMALhttp://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-77869632647288079722011-04-14T12:15:59.611-07:002011-04-14T12:15:59.611-07:00@ डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! आप कह रहे हैं कि हिन्दू...@ डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! आप कह रहे हैं कि हिन्दू धर्म को जानने के लिए अनंत ज्ञान की ज़रुरत है और अनंत ज्ञान के बिना हिन्दू धर्म को नहीं जाना जा सकता .<br />इसका मतलब तो यह हुआ कि दुनिया में आज तक कोई भी आदमी हिन्दू धर्म को जानने वाला न तो पहले कभी हुआ है और न ही आज है और न ही कभी हो सकता है क्योंकि मनुष्य का ज्ञान न तो आज तक अनंत हुआ है और न ही कभी हो सकता है. <br />आप खुद हिन्दू धर्म के बारे में ऐसी भ्रामक बात कह रहे हैं जो कि किसी शंकराचार्य ने या किसी भी हिन्दू आचार्य ने आज तक नहीं कही है. हमें गलत बताने की झोंक में आप अपने कथन पर गौर ही नहीं करते कि मैं क्या कह रहा हूँ ?<br />१- कृपया बताएं कि क्या आपको हिन्दू धर्म का पूर्ण और सही ज्ञान है ?<br />२- क्या आपको अनंत ज्ञान प्राप्त है ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-35235219643119691392011-04-14T06:30:08.466-07:002011-04-14T06:30:08.466-07:00-----एक दम असत्य व भ्रामक कथा कही गई है यहां,.जो न...-----एक दम असत्य व भ्रामक कथा कही गई है यहां,.जो न जानकारों के लिये रोचक हो सकती है---<br />--ज़माल भाए का ग्यान अधूरा व असत्य है...आदम व हब्बा( जिसे भविष्य पुराण में हव्यवती कहा है)--मनु व उनकी पत्नी शतरूपा के समकक्ष हैं, वे ही प्रथम नारी-व पुरुष हैं...शिव व पार्वती नहीं, <br />शिव व पार्वती( शक्ति)--- आदि-देव हैं जो भाव रूप होते हैं...अर्धनारीश्वर रूप में जिन्होने प्रथम बार अलग अलग लिन्ग( सेक्स) का प्रादुर्भाव किया था-- स्वयं को विभक्त करके जो मनु-शतरूपा व श्रिष्टि के प्रत्येक प्राणी में समाहित हुए...<br />---हिन्दू- धर्म इतना वैग्यानिक व तार्किक है कि इसके गहन तत्व जानना हर किसी के वश की बात नहीं है...इस्के लिये अतीव श्रिद्धा व भक्ति आवश्यक होती है...और अनन्त ग्यान... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-86575551161608253962011-04-13T04:35:20.538-07:002011-04-13T04:35:20.538-07:00बहुत सही कहा है आपने .. इस आलेख में ..।बहुत सही कहा है आपने .. इस आलेख में ..।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-68611638274748893282011-04-11T23:48:26.712-07:002011-04-11T23:48:26.712-07:00@ नीलम जी ! सहमति जताने के लिए आपका शुक्रिया .
हक...@ नीलम जी ! सहमति जताने के लिए आपका शुक्रिया .<br />हकीकत यह है कि अगर तथ्यों के साथ खिलवाड़ न किया गया होता तो आज मानवता इतने टुकड़ों में न बिखरी होती कि आज भाई भाई को ही नहीं पहचान पा रहा है और दावा यह है कि हम सबसे बड़े 'ज्ञानी' हैं .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-54519943965682335282011-04-11T23:24:48.605-07:002011-04-11T23:24:48.605-07:00@ भाई एम. सिंह जी ! आपका शुक्रिया .
आपने विषय को ग...@ भाई एम. सिंह जी ! आपका शुक्रिया .<br />आपने विषय को गहराई से समझने का प्रयास किया है और उसे सच्चाई से कहने का साहस भी किया है। यही सच हमें मार्ग दिखाता है। आपने सच कहा है कि हमें रचने वाला परमेश्वर एक ही है। इसीलिए हरेक देश में रहने वाले इंसानों की बनावट एक ही है। जब हम ग़ौर से देखते हैं तो पता चलता है कि हमारे माता-पिता भी एक ही हैं। अंतर मात्र इतना है कि अलग-अलग भाषाओं में उनके नाम अलग-अलग हैं। जैसे कि सूर्य को अरबी में शम्स कहा जाता है लेकिन इन दोनों ही नामों से अभिप्रेत एक ही चीज़ होती है।<br />कालांतर में वासनाओं में जीने वालों ने खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढालने के नाम पर बहुत सी चीज़ें और बहुत सी नई परंपराएं धर्म में मिला दीं। हिंदू धर्म के साथ भी यही किया गया और इसलाम के साथ भी और यह काम हमेशा हुआ। इन्हीं कुरीतियों ने समाज को बहुत कष्ट दिया है। ये कुरीतियां कभी धर्म नहीं थीं। धर्म कभी कष्ट नहीं देता, कभी अनिष्ट नहीं करता। कल्याण धर्म में ही निहित है। हमारा कल्याण ईश्वर के प्रति अपनी इच्छाओं को समर्पित करके उसके मार्गदर्शन में जीवन गुज़ारने में ही है। इसीलिए<br /><a href="http://vedkuran.blogspot.com/2011/04/save-youself.html" rel="nofollow">अल्लाह के रसूल (स.) ने फ़रमाया-<br />‘ज़ुल्म से बचते रहो, क्योंकि ज़ुल्म क़ियामत के दिन अंधेरे के रूप में ज़ाहिर होगा और लालच से भी बचते रहो, क्योंकि तुम से पहले के लोगों की बर्बादी लालच से हुई है। लालच की वजह ही से उन्होंने इन्सानों का खून बहाया और उनकी जिन चीज़ों को अल्लाह ने हराम किया था, उन्हें हलाल कर लिया।‘ -मुस्लिम</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-87744731052410775362011-04-11T23:08:12.194-07:002011-04-11T23:08:12.194-07:00एक अच्छा लेख। हमारी और आपकी कौम के कट्टर लोगों के ...एक अच्छा लेख। हमारी और आपकी कौम के कट्टर लोगों के उद्देश्य कुछ और हैं। वे दोनों कौमों को एक साथ नहीं देखना चाहते। जिस भगवान ने सबको रचा है, उससे दूर करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। इस अच्छे और जानकारी देने वाले लेख के लिए बधाई।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-82885133035023158222011-04-11T21:51:52.775-07:002011-04-11T21:51:52.775-07:00Jankaari ke liye shukriya...hume apne purvajon ke ...Jankaari ke liye shukriya...hume apne purvajon ke itihaas ko jyon ka tyon rakhna chaahiye unhe rochak banane ke liye kisi aur tathya ko unmain milaane ki jarurat nahi.<br />Anwer ji main aapse purn roop se sehmaat hoon.Neelamhttps://www.blogger.com/profile/10803510119159268464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-39715436935222051822011-04-11T20:43:05.984-07:002011-04-11T20:43:05.984-07:00@ आकाश जी ! आपने 'ब्लॉग की ख़बरें' पर हमसे ...@ आकाश जी ! आपने 'ब्लॉग की ख़बरें' पर हमसे जुड़ने का तरीक़ा पूछा है ।<br />इसके लिए आप <br />eshvani@gmail.com<br />पर अपनी ईमेल आईडी भेज दीजिए ।<br />शुक्रिया !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-80079838826649626842011-04-11T20:36:41.649-07:002011-04-11T20:36:41.649-07:00@ रश्मि प्रभा जी ! आपका शुक्रिया कि आपने लेख के मर...@ रश्मि प्रभा जी ! आपका शुक्रिया कि आपने लेख के मर्म को ग्रहण किया और उसे दो चार शब्दों में ही बयान कर दिया ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-25508864884691783182011-04-11T13:07:07.587-07:002011-04-11T13:07:07.587-07:00बहुत खूब |
सही कहा आपने
DR. ANWER JAMAL JI
मैं इसस...बहुत खूब |<br />सही कहा आपने<br />DR. ANWER JAMAL JI<br />मैं इससे सहमत हूँ |<br />visit here --- www.akashsingh307.blogspot.comआकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17420922344485600342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-32338455948097000692011-04-11T10:10:32.552-07:002011-04-11T10:10:32.552-07:00samman ko rekhankit rachnasamman ko rekhankit rachnaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-75333915292745651752011-04-11T09:15:13.116-07:002011-04-11T09:15:13.116-07:00@ अरुणेश जी ! एक अच्छे कमेन्ट के लिए आपका शुक्रिया...@ अरुणेश जी ! एक अच्छे कमेन्ट के लिए आपका शुक्रिया . इस लेख में शामिल आख़री लिंक का ताल्लुक आपसे ही है .<br />हमें अपने पूर्वजों के इतिहास को ज्यों का त्यों सुरक्षित रखना चाहिए . हमारे बहुत से महापुरुषों के जीवन चरित्र में बहुत सी काल्पनिक कथाएं जानबूझ कर मिला दी गयीं हैं और आज भी बहुत से लोग अपनी कल्पना से नित नई बातें उनकी तरफ जोड़े जा रहे हैं. सामजिक व्यवस्था पर आपने भी व्यंग्य करने के लिए शिव-पार्वती जैसी आदरपूर्ण और पवित्र हस्तियों के नामों का इस्तेमाल किया और उनके कार्टून भी आपने अपने ब्लॉग पर दिखाए और ताज्जुब की बात यह है कि मेरे अलावा किसी ने भी आपको ऐसा करने से नहीं रोका .<br />आपसे और सभी हिन्दू कहलाने वाले भाइयों से विनती है कि वे<br /><a href="http://commentsgarden.blogspot.com/2011/03/honourable-personalities.html" rel="nofollow">श्रद्धा के पात्रों को अपनी व्यंग्य विधा का पात्र न बनायें Honourable Personalities </a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8465032490088167086.post-68200276292564014172011-04-11T00:43:44.321-07:002011-04-11T00:43:44.321-07:00जानकारी अति उत्तन है और साथ ही उसका विवरण भी रोचक ...जानकारी अति उत्तन है और साथ ही उसका विवरण भी रोचक है खान साहब को धन्यवादArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.com