डा।. अनवर विवाद / रविकर क्षमा-प्रार्थी : मेरे द्वारा डाला गया घी देखिये, जिसने आग भड़काई --
पार्ट -2 में रचना जी से की बातचीत
पार्ट--3 डा।. अनवर से की बातचीत
पार्ट--1 कुंडलियाँ
पार्ट--3
डा।. अनवर जमाल से हुई बातचीत--
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
भाई जान-
यह पूरी तरह व्यक्तिगत निवेदन है-
आप को यदि कोई विशेष आपत्ति नहीं है तो-
रचना जी के चित्र वाली पोस्ट को निरस्त कर दें-
सादर-
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
Hindi
English
Translate message
Turn off for: Hindi
आदरणीय भाई साहब,
रचना जी एक आम औरत हैं। आपको उनके फ़ोटो पर चिन्ता हुई, यह जानकर अच्छा लगा।
अगर आप हमारे जवाब से बुरा न मान जाएं तो हम कुछ कहने की इजाज़त चाहेंगे
क्योंकि ब्लॉगिंग का उददेश्य अपने मन की बात बताना है न कि दबाना।
आपकी इजाज़त मिले तो कुछ अर्ज़ किया जाए।
http://www.jagranjunction.com/ readerblog/
रचना जी एक आम औरत हैं। आपको उनके फ़ोटो पर चिन्ता हुई, यह जानकर अच्छा लगा।
अगर आप हमारे जवाब से बुरा न मान जाएं तो हम कुछ कहने की इजाज़त चाहेंगे
क्योंकि ब्लॉगिंग का उददेश्य अपने मन की बात बताना है न कि दबाना।
आपकी इजाज़त मिले तो कुछ अर्ज़ किया जाए।
http://www.jagranjunction.com/
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
भाई जान आप का बहुत सम्मान है- ब्लॉग वर्ल्ड में-
जब से मैं यहाँ आया हूँ आपका स्नेह मुझे बराबर मिलता रहा है-
इसी अधिकार से निवेदन किया है |
यह व्यक्तिगत और आपसी समझ के अंतर्गत किया हुवा निवेदन है -
हमारे सम्बन्ध ज्यों के त्यों बने रहेंगे -
आप न करें तब भी-
सादर
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
Hindi
English
Translate message
Turn off for: Hindi
मेरे अज़ीज़ और बुज़ुर्ग भाई ! जब से हम आए हैं। यहां पक्षपात देखते आए हैं।
एक वक्त था जब हमें क़त्ल करने की धमकियां भी दी जाती थीं।
हमारी समझ में यह बात कभी नहीं आई कि एक सही बात जब हम उठाते हैं तो कोई
साथ नहीं देता और जब दूसरों अपने कुल गोत्र या संस्कृति का नर नारी कोई
मुददा उठाता है तो लोग सही ग़लत देखे बिना उसका साथ देते हैं।
आप दिल पर न लेना लेकिन आपको याद होगा कि ख़ुशदीप जी ने आदम-हव्वा अर्थात
मनु-आद्या का नंगा फ़ोटो अपनी पोस्ट पर लगाया और उसे चर्चामंच व अन्य जगह
भी लिंक के साथ लगा दिया गया। सबके माता पिता को सरे आम निर्वस्त्र किया
गया। हमने ख़ुशदीप जी के ब्लॉग पर और चर्चामंच पर जाकर कमेंट किया लेकिन
तब हमें किसी का समर्थन नहीं मिला ?
आपने भी चर्चामंच पर कमेंट किया कि पूर्वजों को पूर्वज ही रहने दो,
उन्हें इश्तेहार न बनाओ।
नतीजा यह है कि चर्चामंच पर वह नंगा चित्र आज तक लगा हुआ है।
क्या महापुरूषों के नंगे चित्र के मुददे पर आपकी प्रतिक्रिया उचित थी ?
क्या तब आपने किसी से कोई व्यक्तिगत निवेदन किया था इस संबंध में ?
नहीं, लेकिन आज आप आप एक आम औरत के लिए व्यक्तिगत निवेदन कर रहे हैं।
एक ही आदमी के दो रवैये !
रचना जी ने ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ मंच के मेम्बर्स को ईमेल करके भड़काया। जो
कभी टिप्पणी करने नहीं आए वे आज त्यागपत्र देने आ रहे हैं। श्रीकान्त
मिश्र आज जा चुके हैं। दीपक बाबा और सुरेश इस ब्लॉग पर कभी कमेंट नहीं
करते। वे भी रचना जी के ही बुलाए हुए आए। रेखा जी ने तो ‘प्यारी मां‘ पर
भी पोस्ट लिखनी छोड़ रखी है लेकिन वह यहां आपत्ति दर्ज करवाने आई हैं।
वन्दना गुप्ता अपना फ़ोटो और नाम हटाने के लिए कह रही हैं और न हटाने पर
कार्रवाई की धमकी दे रही हैं। सब एक मुंह हो रहे हैं, वैरी गुड।
मैं यही देखना और यही दिखाना चाहता था।
यह है बुद्धिजीवियों का हिंदी ब्लॉग जगत ?
रचना जी का बात करने का लहजा आपने देखा ?
कैसे बात करती हैं ?
हर जगह डिक्टेटराना मिज़ाज काम नहीं देता ?
On 7/7/12, dinesh gupta <dcgpth@gmail.com> wrote:
> भाई जान आप का बहुत सम्मान है- ब्लॉग वर्ल्ड में-
एक वक्त था जब हमें क़त्ल करने की धमकियां भी दी जाती थीं।
हमारी समझ में यह बात कभी नहीं आई कि एक सही बात जब हम उठाते हैं तो कोई
साथ नहीं देता और जब दूसरों अपने कुल गोत्र या संस्कृति का नर नारी कोई
मुददा उठाता है तो लोग सही ग़लत देखे बिना उसका साथ देते हैं।
आप दिल पर न लेना लेकिन आपको याद होगा कि ख़ुशदीप जी ने आदम-हव्वा अर्थात
मनु-आद्या का नंगा फ़ोटो अपनी पोस्ट पर लगाया और उसे चर्चामंच व अन्य जगह
भी लिंक के साथ लगा दिया गया। सबके माता पिता को सरे आम निर्वस्त्र किया
गया। हमने ख़ुशदीप जी के ब्लॉग पर और चर्चामंच पर जाकर कमेंट किया लेकिन
तब हमें किसी का समर्थन नहीं मिला ?
आपने भी चर्चामंच पर कमेंट किया कि पूर्वजों को पूर्वज ही रहने दो,
उन्हें इश्तेहार न बनाओ।
नतीजा यह है कि चर्चामंच पर वह नंगा चित्र आज तक लगा हुआ है।
क्या महापुरूषों के नंगे चित्र के मुददे पर आपकी प्रतिक्रिया उचित थी ?
क्या तब आपने किसी से कोई व्यक्तिगत निवेदन किया था इस संबंध में ?
नहीं, लेकिन आज आप आप एक आम औरत के लिए व्यक्तिगत निवेदन कर रहे हैं।
एक ही आदमी के दो रवैये !
रचना जी ने ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ मंच के मेम्बर्स को ईमेल करके भड़काया। जो
कभी टिप्पणी करने नहीं आए वे आज त्यागपत्र देने आ रहे हैं। श्रीकान्त
मिश्र आज जा चुके हैं। दीपक बाबा और सुरेश इस ब्लॉग पर कभी कमेंट नहीं
करते। वे भी रचना जी के ही बुलाए हुए आए। रेखा जी ने तो ‘प्यारी मां‘ पर
भी पोस्ट लिखनी छोड़ रखी है लेकिन वह यहां आपत्ति दर्ज करवाने आई हैं।
वन्दना गुप्ता अपना फ़ोटो और नाम हटाने के लिए कह रही हैं और न हटाने पर
कार्रवाई की धमकी दे रही हैं। सब एक मुंह हो रहे हैं, वैरी गुड।
मैं यही देखना और यही दिखाना चाहता था।
यह है बुद्धिजीवियों का हिंदी ब्लॉग जगत ?
रचना जी का बात करने का लहजा आपने देखा ?
कैसे बात करती हैं ?
हर जगह डिक्टेटराना मिज़ाज काम नहीं देता ?
On 7/7/12, dinesh gupta <dcgpth@gmail.com> wrote:
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
भाई जान-
विवाद से बचने की कोशिश रहती है मेरी -
यही किया है -
यहाँ पर मेरी पोस्ट है इसीलिए निवेदन किया है-
आभार
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
आप चाहें तो वार्तालाप के अंशो को संपादित कर के प्रकाशित करते हुवे -
मेरे निवेदन पर पोस्ट वापस ले रहे हैं बोल सकते हैं-
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
Hindi
English
Translate message
Turn off for: Hindi
आपके निवेदन पर हम यह पोस्ट ज़रूर वापस ले लेते या एडिट कर देते लेकिन इस
तरह रचना जी को हमें हरा देने का अहसास होगा और ऐसा कोई अहसास हमने
उन्हें अब होने नहीं दिया।
तरह रचना जी को हमें हरा देने का अहसास होगा और ऐसा कोई अहसास हमने
उन्हें अब होने नहीं दिया।
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
मैं सहमत हूँ -
आपसे-
2012/7/7 Dr. Anwer Jamal Khan <eshvani@gmail.com>
आपके निवेदन पर हम यह पोस्ट ज़रूर वापस ले लेते या एडिट कर देते लेकिन इस
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
फिर भी अगर आप चाहें तो मेरे नाम का प्रयोग कर सकते हैं-
जब चाहे तब -
मैं कोई दबाव बनाने या सहने में एकदम यकीं नहीं रखता -
कृपया पोस्ट को व्यक्तिगत ही समझें -
सादर-
मेरा फ़ोन निचे लिखा है-
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
Hindi
English
Translate message
Turn off for: Hindi
ठीक है। हम भी किसी को तकलीफ़ पहुंचाने में यक़ीन नहीं रखते।
पूरी पोस्ट हटाना तो हमारे मुमकिन नहीं होगा। आप रचना जी से पूछ लीजिए कि
क्या उनका फ़ोटो हटाने से उनकी तसल्ली हो जाएगी ?
पूरी पोस्ट हटाना तो हमारे मुमकिन नहीं होगा। आप रचना जी से पूछ लीजिए कि
क्या उनका फ़ोटो हटाने से उनकी तसल्ली हो जाएगी ?
Jul 7 (2 days ago)
| ||||
PART-1
डा।. अनवर विवाद / रविकर क्षमा-प्रार्थी
हाँ साथियों मुझे क्षमा करें।|
मेरी लिखी दो कुंडलियाँ अखाडा बन -गईं ( जिन्हें रचना जी के कहने से हटा दी हैं)
शाहनवाज, रचना, अनवर दीपक की 20 टिप्पणियां यहीं आई थीं ।
सबसे क्षमा मांग ली है--
आप भी करें -
लीजिये ताज़ी - टिप्पणी -पढ़िए -
रचना8 July 2012 04:38
जिस विवाद को आप ने घी डाल कर भड़काया है उस पर कम से कम अपनी एक पोस्ट तो लगा ही देते समाज के प्रति , हिन्दू धर्म के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी तो निभा ही देते
मेल भेज कर गलती स्वीकारते है , क्षमा मांगते है
ब्लॉग पर भी मांग ही लेते ||
रचना8 July 2012 04:38
jis vivaad ko aap ne ghee daal kar bhadkayaa haen us par kam sae kam apni ek post to lagaa hi daetae
samaj kae prati , hindu dharm kae prati apni naetik jimmedari to nibha hi daetae
mail bhej kar galti swikaartae haen , kshmaa mangtaae haen
blog par bhi maang hi laetae
samaj kae prati , hindu dharm kae prati apni naetik jimmedari to nibha hi daetae
mail bhej kar galti swikaartae haen , kshmaa mangtaae haen
blog par bhi maang hi laetae
ReplyDelete
डा. अनवर का मेल मिला--
आप बुज़ुर्ग हैं और आपकी बात का सम्मान हम पहले से ही करते हैं। सो, रचना
जी का फ़ोटो और उनका नाम पोस्ट से हटा दिया है।।
जी का फ़ोटो और उनका नाम पोस्ट से हटा दिया है।।
PART-2
अब मेरे द्वारा डाला गया घी देखिये, जिसने आग भड़काई --
Posted: 04 Jul 2012 03:28 AM PDT
चर्चा बढ़िया संयमित, झिड़की समझ सुझाव ।
ब्लॉग-वर्ल्ड की बेहतरी, नहीं कहीं दुर्भाव ।
नहीं कहीं दुर्भाव, सभी को बहुत बधाई ।
शाहनवाज पर नाज, डाक्टर अनवर भाई ।
रचना जी का विषय, सभी धर्मों की नारी ।
धर्म आस्था-प्राण, तनिक मांगे हुशियारी ।।
एक धर्म की ख़ास, करे नारी पर रचना
सचिवों ने की गड़बड़ी, खुश कर दित्ता बास ।
ऐसी-तैसी कर गये, एक धर्म की ख़ास ।
एक धर्म की ख़ास, करे नारी पर रचना ।
माफ़ी लेता माँग, मगर रचना से बचना |
है सच्चा इंसान, अगर गलती वह माने |
विषय जाइए भूल, यही कह गए सयाने ||