यमन देश के छात्र के प्रति यौन हिंसा करने के इल्ज़ाम में 5 अमेरिकी छात्राएं गिरफ़्तार
वाशिंगटन (एजेंसियां)। ऐरिज़ोना राज्य के एक कॉलिज में यमन का एक छात्र असाम अश-शरई पढ़ता है। उसके आवास में 5 लड़कियां दाखि़ल हुईं और अंदर से ताला लगाकर अपने कपड़े उतार कर असाम अश-शरई को पकड़ लिया। असाम ने उनकी मिन्नत समाजत की लेकिन वे उस पर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालती रहीं। उन पर कोई असर न पड़ा और उनकी हरकतें बढ़ती गईं तो असाम ने कहा कि ‘मैं एक दीनदार मुसलमान हूं और इसलाम अपनी बीवी के अलावा किसी दूसरी औरत से नाजायज़ ताल्लुक़ात की इजाज़त नहीं देता।‘
उन पांचों लड़कियों पर इस बात का भी कोई असर नहीं पड़ा तो असाम अश-शरई ने खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई और पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस ने पांचों लड़कियों को उसके आवास से गिरफ़्तार कर लिया है। उन लड़कियों ने इल्ज़ाम क़ुबूल करते हुए बताया कि उनकी नज़र में असाम साइकोलोजिकली टेंशन में था। हमने उसे कई बार कहा था कि वह उनके साथ अपनी मर्ज़ी से सेक्स करे लेकिन वह तैयार नहीं हुआ तो उन्हें इस तरह उसके आवास में घुसना पड़ा।
यह वाक़या एक ऐसी यूनिवर्सिटी में हुआ है जिसमें शिक्षा सत्र पूरा होने के बाद 5 हज़ार लड़कियां नंगे होकर मैराथन रेस में हिस्सा लेती हैं। उनकी कपड़ों की निगरानी यूनिवर्सिटी की तरफ़ से की जाती है। उनके कपड़ों को तौला गया तो आधा टन वज़्न हुआ।
यह ख़बर कल 15 मई 2012 को राष्ट्रीय सहारा उर्दू के पृ. 12 पर छपी।
इस ख़बर से इस्लाम और पश्चिमी दुनिया की सोच और किरदार एक साथ सामने आ जाते हैं। पश्चिमी दुनिया का नंगापन हिंदुस्तान में भी आम होता जा रहा है। नई तालीम दिलाने वाले मां-बाप अपनी औलाद के लिए ऊंचे ओहदे का ख़याल तो रखते हैं लेकिन उसके किरदार का क्या होगा ?
इसे वे भुला देते हैं।
यही वजह है कि अकेले बेंगलुरू में ही हर साल 2 हज़ार से ज़्यादा लोग ख़ुदकुशी कर रहे हैं।
नंगेपन और ख़ुदकुशी दोनों का इलाज है इसलामी सोच।
वाशिंगटन (एजेंसियां)। ऐरिज़ोना राज्य के एक कॉलिज में यमन का एक छात्र असाम अश-शरई पढ़ता है। उसके आवास में 5 लड़कियां दाखि़ल हुईं और अंदर से ताला लगाकर अपने कपड़े उतार कर असाम अश-शरई को पकड़ लिया। असाम ने उनकी मिन्नत समाजत की लेकिन वे उस पर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालती रहीं। उन पर कोई असर न पड़ा और उनकी हरकतें बढ़ती गईं तो असाम ने कहा कि ‘मैं एक दीनदार मुसलमान हूं और इसलाम अपनी बीवी के अलावा किसी दूसरी औरत से नाजायज़ ताल्लुक़ात की इजाज़त नहीं देता।‘
उन पांचों लड़कियों पर इस बात का भी कोई असर नहीं पड़ा तो असाम अश-शरई ने खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई और पुलिस को इत्तिला दी। पुलिस ने पांचों लड़कियों को उसके आवास से गिरफ़्तार कर लिया है। उन लड़कियों ने इल्ज़ाम क़ुबूल करते हुए बताया कि उनकी नज़र में असाम साइकोलोजिकली टेंशन में था। हमने उसे कई बार कहा था कि वह उनके साथ अपनी मर्ज़ी से सेक्स करे लेकिन वह तैयार नहीं हुआ तो उन्हें इस तरह उसके आवास में घुसना पड़ा।
यह वाक़या एक ऐसी यूनिवर्सिटी में हुआ है जिसमें शिक्षा सत्र पूरा होने के बाद 5 हज़ार लड़कियां नंगे होकर मैराथन रेस में हिस्सा लेती हैं। उनकी कपड़ों की निगरानी यूनिवर्सिटी की तरफ़ से की जाती है। उनके कपड़ों को तौला गया तो आधा टन वज़्न हुआ।
यह ख़बर कल 15 मई 2012 को राष्ट्रीय सहारा उर्दू के पृ. 12 पर छपी।
इस ख़बर से इस्लाम और पश्चिमी दुनिया की सोच और किरदार एक साथ सामने आ जाते हैं। पश्चिमी दुनिया का नंगापन हिंदुस्तान में भी आम होता जा रहा है। नई तालीम दिलाने वाले मां-बाप अपनी औलाद के लिए ऊंचे ओहदे का ख़याल तो रखते हैं लेकिन उसके किरदार का क्या होगा ?
इसे वे भुला देते हैं।
यही वजह है कि अकेले बेंगलुरू में ही हर साल 2 हज़ार से ज़्यादा लोग ख़ुदकुशी कर रहे हैं।
नंगेपन और ख़ुदकुशी दोनों का इलाज है इसलामी सोच।
2 comments:
nice
Iman bachana mushkil hota ja raha he.
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