लोग कह रहे हैं कि विष्णु जी सो गये, अख़बार लिख रहे कि दुनिया को पालने वाला पाताल लोक के राजा के महल के गेट पर जाकर चार माह के लिये सो गया। जबकि मैं देख रहा हूं कि दुनिया ठीक ठाक चल रही है। हवा भी चल रही है और बादल भी बरस रहे हैं। सूरज भी अपना ताप दे रहा है और पौधे भी लहलहा रहे हैं बल्कि पहले से बेहतर लहलहा रहे हैं।
क्या एअर ट्रैफ़िक कंट्रोलर अपनी सीट पर सो जाए तो प्लेन आकाश में उड़ पाएंगे या ज़मीन पर सुरक्षित उतर पाएंगे ?
हम सुरक्षित हैं , बच्चे जन्म ले रहे हैं मांओं की छातियों से अमृत मासूमों के बदन को तृप्त कर रहा है। मौसम युवाओं को हिला मिलाकर उनके दायित्व की तरफ़ खींच रहा है। धरती धुल रही है, प्रकृति निखर रही है, सुहागिनों के चेहरों की ताज़गी बढ़ती जा रही है। अच्छी फ़सल की उम्मीदें जाग रही हैं। सभी काम अपने ढर्रे पर बिल्कुल पहले की तरह चल रहे हैं।
इसका मतलब यह है कि जो मालिक सृष्टि को चला रहा है जैसा वह पहले था वैसा ही आज भी है। उसे थकान ही नहीं होती तो उसे नींद की क्या ज़रूरत और वह भी पाताल लोक में जाकर ?
पाताल लोक को वैदिक विद्वान अमरीका भी कहते हैं।
जिस जाति ने कभी दुनिया को अजन्मे और अविनाशी ईश्वर के बारे में बताया जगाया था वह आज इस दशा को पहुंच गई है कि वह कह रही है कि विष्णु जी सो गये।
विष्णु अर्थात पालनहार तो सदा से जाग रहा है लेकिन लोगों के ज्ञान चक्षु कब खुलेंगे ?
सत्य को कब पहचानेंगे और अंधविश्वास से मुक्त होकर सत्य पर कब विश्वास करेंगे ?
13 comments:
राष्ट्रवादी चिपलूनकर और सुधारवादी अनवर जमाल भी एकमत हो सकते हैं अगर मुसीबत उनके चेले पर पड़ जाये । वह दोनों को गुरूतुल्य कहता है।
अब यह पता नहीं कि उनका गुरू है कौन ?
जिनके तुल्य इन दोनों को उनके साझा शिष्य महक जी मानते हैं ।दोनों ने उन्हें समझाया परंतु उनकी समझ में तो तब आये जब वे समझना चाहें।जब उन्हें अपने गुरूओं के दिशा निर्देश को मानना ही नहीं है तो काहे को दिखावे के लिये उन्हें गुरूतुल्य कहकर उनके हाथ में इज्जत की लॉलीपॉप थमाते हैं जी ?
अनवर जमाल जी मेरे विचार भांप रहे हैं और समय उपयुक्त पाकर उनका अंतिम संस्कार करेंगे, वाह।हम इंतिजार करेंगे उस समय का, बिल्कुल पक्का।खुद वेद और रामायण में कमियां बताएं तो रिसर्च और सच कहलाये और वही काम हम कहलायें तो वे हमपर गुर्रायें, ठीक भी है, पठान रूलिंग क्लास में ही तो आता है, क्षत्रिय ही तो ठहरा।
वाह!!!!! जमाल साहब क्या खूब लिखा है,ये विषेय तो सोचनिए है कि ड्राइवर सो रहा है और फिर भी गाड़ी चल रही है, तो इसका सीधा मतलब है कि गाड़ी को चलता छोड़ कर सोने वाला ड्राईवर हो ही नहीं सकता,गाड़ी को तो कोई और चला रहा है, जिसको ना नींद आती है ना ही ऊंघ. अल्लाह सबसे बड़ा ड्राइवर है,
nice
SAHI HAI....
अच्छी पोस्ट
ठीक कहते हैं वह कहीं नहीं जाता
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
Mohammed Umar Kairanvi said...
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
Mohammed Umar Kairanvi said...
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
Mohammed Umar Kairanvi said...
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
Mohammed Umar Kairanvi said...
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
Mohammed Umar Kairanvi said...
स्वर्ग में हम ही जाते हैं अगर उसके कहे पर जिन्दगी गुजारी होगी तब
सार्थक चिंतन
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