Showing posts with label ‘राजनीति में सेक्स‘. Show all posts
Showing posts with label ‘राजनीति में सेक्स‘. Show all posts

Wednesday, June 8, 2011

अपने पीछे भीड़ जुटाने मात्र से ही कोई भी आदमी नेता नहीं बन जाता जब तक कि वह अपने अंदर नेतृत्व के गुण विकसित न करे और किसी अनुभवी नेता से राजनीति और कूटनीति का व्यवहारिक ज्ञान हासिल न कर ले - Dr. Anwer Jamal


डा. अनवर जमाल अपने योग गुरु पं. अयोध्या प्रसाद मिश्र जी के साथ 
बाबा रामदेव जी ने भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ ऐतिहासिक सत्याग्रह किया। उनकी नीयत कितनी भी नेक क्यों न हो लेकिन उनका तरीक़ा ग़लत रहा है। यह एक खुली हुई सच्चाई है। हम बिल्कुल नहीं चाहते कि किसी भी सत्याग्रही को सताया जाए लेकिन हम यह भी नहीं चाहते कि सत्याग्रही पुलिस के जवानों पर गमले आदि फेकें। पुलिस के जवान भी हमारे ही हैं और वे वही करते हैं जिसका उन्हें आदेश मिलता है। जो नेता आदेश देते हैं वे भी हमारे द्वारा ही चुने हुए होते हैं। यह एक जटिल प्रक्रिया है। इन्हीं नेताओं में से कुछ का रूपया विदेशी बैंकों में जमा है। ये लोग आसानी से यह पैसा देश में लाने वाले नहीं हैं। यह बात हमें पता है तो बाबा रामदेव जी को भी पता होनी चाहिए थी। उन्होंने यह कैसे समझ लिया था कि जैसे ही चार्टर्ड प्लेन से उतर कर मैं अनशन करूंगा, वैसे ही सरकार विदेश से काला धन वापस लाने पर आमादा हो जाएगी ?
यह बाबा का  भोलापन ही था और यह इस वजह से था कि वह इस गंदी राजनीति के हथकंडों को नहीं जानते थे। बाबा ने उस क्षेत्र में क़दम रखा जिस क्षेत्र की क ख ग भी वे नहीं जानते थे और इसी वजह से उन्हें मंच से छलांग लगाकर औरतों बीच छिपना पड़ा। उन्हें लगा कि पुलिस उन्हें मारने के लिए आई है। जबकि ऐसा नहीं होता। कांग्रेस को सबसे ज़्यादा डर बीजेपी के सत्ता में आने से लगता है। बीजेपी के नेता आए दिन अनशन करते रहते हैं और कांग्रेस की भेजी हुई पुलिस उन्हें गिरफ़्तार करती रहती है और फिर छोड़ देती है। अपने शासन काल में बीजेपी ने यही कांग्रेस के साथ किया। यह एक रूटीन का काम है। आप बताइये कि कांग्रेस ने बीजेपी के और बीजेपी ने कांग्रेस के कितने नेता आज तक मारे हैं ?
एक भी नहीं !
बाबा ने सदा स्वागत सत्कार और जय जयकार ही देखा था। बड़े बड़े आई जी और डीजीपी को अपने चरण छूते ही देखा था।
पुलिस का असली रूप क्या होता है ?
इसे वह जानते ही न थे। इसीलिए उन्होंने हालात का ग़लत अंदाज़ा लगाया और फिर ग़लत ही फ़ैसला लिया और अपनी सारी प्रतिष्ठा धूल में मिला बैठे।
बाबा को जानना चाहिए कि राजनीति में कोई सांपनाथ है तो कोई नागनाथ। कम यहां कोई भी नहीं है। बाबा राजनीति को इन सांपों और नागों से मुक्त कराना चाहते हैं तो बेशक कराएं लेकिन पहले उन्हें सांप और नाग का फन कुचलने का हुनर सीखना होगा। उसके बिना वह यह काम न कर पाएंगे। हमें बाबा के मक़सद से विरोध नहीं है लेकिन उनके तरीक़े से ज़रूर असहमति है।
अगर कल को कपिल सिब्बल बिना जाने ही लोगों को योगासन कराने लग जाएं तो वे लोगों की जान से खेलने वाले माने जाएंगे। ठीक यही बात बाबा रामदेव जी के बारे में कही जाएगी कि अपने पीछे भीड़ जुटाने मात्र से ही कोई भी आदमी नेता नहीं बन जाता जब तक कि वह अपने अंदर नेतृत्व के गुण विकसित न करे और किसी अनुभवी नेता से राजनीति और कूटनीति का व्यवहारिक ज्ञान हासिल न कर ले। ऐसा किए बिना भीड़ जुटाने वाला आदमी लोगों की जान से खेलने वाला माना जाएगा। इस तरह के काम करने से हालात सुधरने के बजाय और ज़्यादा बिगड़ जाएंगे। हमें अपने देश और समाज में सुधार लाना है न कि दुनिया को अपने ऊपर हंसने का मौक़ा देना है। 4 जून के बाद से लेकर आज तक बाबा ने जो भी किया है उससे सन्यास आश्रम की गरिमा को भी ठेस लगी है और देश की छवि भी ख़राब हुई है।
पुरी के शंकराचार्य जी ने भी बाबा रामदेव को ही इस गड़बड़ी के लिए ज़िम्मेदार माना है।
पुरी के शंकराचार्य बोले, रामदेव हैं ‘कायर’!नई दिल्ली। पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद तीर्थ ने योगगुरु रामदेव पर कायराना हरकत करने का आरोप लगाते हुए उनकी निंदा की है और कहा कि उन्हें देशवासियों से अपने कृत्य के लिये माफी मांगनी चाहिए।
“रामदेव एक भटके हुए धोखेबाज संन्यासी हैं!” 

शंकराचार्य ने आज यहां बातचीत में कहा कि रामदेव ने जिस तरह अपने अनुयायियों से सरकार से की गई डील को छिपाया और फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए महिलाओं के बीच छिपकर तथा उनके वस्त्र पहनकर जो कायराना हरकत की उसके बाद उन्हें भगवा वस्त्र पहनने और क्रान्तिकारियों का नाम लेने का कोई हक नहीं रह जाता।

स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि रामदेव अब अपने कृत्यों से बेनकाब हो गए हैं तथा अब उन्हें भगवा वस्त्र पुन धारण नहीं करना चाहिए।
उनकी इस हरकत से भगवाधारी साधु-संतों की छवि धूमिल हुई है।

उन्होंने केन्द्र सरकार से देश भर के आश्रमों की तलाशी लेकर उनमें छिपे देशी-विदेशी गुनहगारों को बाहर निकालने तथा रामदेव के साथी बालकृष्ण पर अविलम्ब सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
उपरोक्त ख़बर इस वेबाईट से साभार : http://josh18.in.com/showstory.php?id=1072952
समय ने साबित कर दिया है कि शाहरूख़ ख़ान ने बाबा रामदेव जी को जो सलाह दी थी वह ठीक थी कि आदमी वही काम करे जिसे करना वह जानता है।  
इस विषय में हमारे अलावा अन्य ब्लॉगर्स की राय भी यही है। नीचे दिए गए लिंक पर जाकर आप भी देख सकते हैं