Friday, August 6, 2010

A letter एक ख़त अनम की ताज़ियत में... - Anwer Jamal

यह ख़त मेरी एक बहन ने अनम की ताज़ियत में भेजा है। इस ब्लॉग पर मैं अनम की हरेक याद को संजो लेना चाहता हूं। इसलिये इसे यहां दर्ज कर रहा हूं-

प्यारी भाभी जान ! अस्-सलामु-अलैकुम । कैसी हो ? , मैं अल्लाह के शुक्र से और आपकी दुआओं से बिल्कुल ठीक हूं और आपकी ख़ैरियत नेक चाहती हूं और बताओ आजकल क्या चल रहा है ?
जबसे अनम का ये हादसा हुआ है किसी काम में दिल ही नहीं लग रहा है। अगर हंसी भी आती है तो एकदम अनम याद आती है तो कभी अकमल आफ़िया और अनस का मासूम चेहरा सामने आ जाता है। रात के 2 बज रहे हैं। अजीब सी घबराहट हो है। सोचा आपको ख़त लिखूं , अल्लाह आपको हिम्मत व हौसला दे। जब मैंने आपको फ़ोन पर रोते सुना तो मेरा दिल फटने को हो गया जबकि फ़ोन पर चेहरा तो नज़र नहीं आता तो जब बच्चे आपको रोते देखते होंगे तो उनका मासूम दिल कितना तड़पता होगा ?
बस आप अपना और भाई साहब का ख़याल रखिये । अल्लाह तआला आपको तंदुरूस्ती दे और बच्चों पर आप दोनों का साया हमेशा रखे। बस अब शारा और आफ़िया ही में आप अनम को ढूंढिये। अल्लाह ने अनम को दुनिया की मुसीबतों से बचकर उसे जन्नत के बाग़ों में भेज दिया है। जहां उससे न कोई हिसाब किताब होगा , बस अब आप बच्चों के लिये ही सही अपनी तरफ़ ध्यान दीजिये क्योंकि अगर भाई साहब ने दिमाग़ पर ले लिया या आपको ही कुछ हो गया तो बच्चों को कौन देखेगा क्योंकि जो कुछ बच्चों के आप हो जाओगे वह कोई और नहीं हो सकता।
अल्लाह तआला आपकी उम्र दराज़ करे। बच्चों को मेरी तरफ़ से बहुत-बहुत प्यार कहियेगा। अगर आप हंसोगी तो बच्चे भी हसेंगे , उनको भी हौसला मिलेगा। अच्छा अब ख़त बन्द करती हूं । लिखने को बहुत कुछ है । यहां रहती हूं तो वहां दिल रहता है। और वहां जाने से पहले यहां आने का ग़म पहले हो जाता है।

7 comments:

Saleem Khan said...

अल्लाह आपको हिम्मत व हौसला दे, अल्लाह ने अनम को दुनिया की मुसीबतों से बचकर उसे जन्नत के बाग़ों में भेज दिया है, जहां उससे न कोई हिसाब किताब होगा.

Ayaz ahmad said...

अपनो से बिछड़ने का ग़म बहुत दूर और देर तक साथ देता है

सहसपुरिया said...

अल्लाह आपको हिम्मत व हौसला दे

Mahak said...

अल्लाह ने अनम को दुनिया की मुसीबतों से बचकर उसे जन्नत के बाग़ों में भेज दिया है। जहां उससे न कोई हिसाब किताब होगा

सच में कितनी सच्ची बात कह दी बहन ने ,मेरी भी दुआ है आपके और आपके परिवार के लिए की वो आपको ये गम सहने की हिम्मत ओर होंसला प्रदान करे

महक

The Straight path said...

अल्लाह सब्र अता फ़रमाय

विजय मधुर said...

jamal bhaee sabse pahle eed mubarak...alaah aapki madad kare....

S.M.Masoom said...

सच है अल्लाह ने अनम को दुनिया की मुसीबतों से बचकर उसे जन्नत के बाग़ों में भेज दिया है। अल्लाह आप को सब्र दे.