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Monday, December 27, 2010

गाना गाओ इमेज बनाओ Image engineering

आदमी शरीर नहीं है बल्कि आदमी विचार है । खुद आदमी के पास भी विचार है । विचार दौलत भी है और विचार हथियार भी है। टिप्पणियाँ भी लोगों का विचार हैं । जिसके पास जितनी ज्यादा टिप्पणियाँ हैं वह उतना ही समृद्ध है और जिसके पास टिप्पणियाँ कम हैं वह उतना ही बेचारा सा लगता है समृद्ध को । ब्लागिंग में बौर्ज़ुआ कल्चर भी है और माफ़ियागिरी भी । लुटियाचोर और लड़कियों के फ़ॉलोअर से लेकर संत नेता और कलाकार सभी तो हैं ब्लाग जगत में । सांप्रदायिकता भी है और साज़िशें भी । यहाँ धमकियां भी हैं और एंटरटेनमेंट भी। लोग यहाँ हमदर्द बनकर आते हैं बड़े सलीक़े से हैंडल करने की कोशिश करते हैं। अगर आप समझदार हैं और आप कम टिप्पणियों के बावजूद ज़्यादा टिप्पणियों वाले ब्लागर को अपना गॉड फ़ादर नहीं बनाते तो वह अपने गुट के लोगों में आपको नफ़रत फैलाने वाला और देश व समाज के लिए घातक कहेगा , जिन लोगों को उसकी टिप्पणियां चाहियें वे खुद को उससे सहमत जाहिर करेंगे लेकिन अगर आपने उसके आरोप झूठे साबित करके यह दिखा दिया कि ख़ुद को चौधरी बनाने के चक्कर में यह आदमी शुरू से ही मेरी छवि पर लगातार वार करता आ रहा है और मैं इनके बड़ेपन की वजह से टालता आ रहा हूं तो भी उसे परवाह नहीं होगी क्योंकि उसे पता है कि लोगों को संत की तलाश कम है और नाचने गाने वालों की ज़्यादा ।
वह आप पर इल्ज़ाम लगाएगा । आप सफ़ाई देंगे और उससे सवाल करेंगे अगर उसके पास जवाब हुआ तो वह जवाब देगा और अगर उससे जवाब न बन पड़ा तो वह गाना सुनाने लगेगा , नया न बन पड़ा तो पुराना ही सुना देगा।
आप मुंह ताकते रहेंगे उसका कि भाई मुद्दे पर बात चल रही थी हमारी । हमने आपकी पोस्ट पर आपको जवाब दिया है और अब अपने ब्लाग पर हम आपसे कुछ पूछ रहे हैं । आइये ज़रा बताइये कि नफ़रत हम फैला रहे हैं या आप ?
लेकिन वे गाते रहेंगे ।
सुनने वाले समझेंगे कि देखो कितने व्याकुल हैं ?
कितनी पीड़ा के साथ गा रहे हैं ?
उन बेचारों को क्या पता कि पीड़ा तो ये उसे पहुंचाकर आये हैं जो बेचारा गाना भी नहीं जानता ।
अगर आप गाना नहीं जानते तो ब्लाग जगत में आपकी अच्छी इमेज बनना मुश्किल है।
अच्छी इमेज बनाना भी एक हुनर है इसे मैं 'इमेज इंजीनियरिंग' का नाम देता हूं ।
इसका पहला उसूल है कि

'गाना गाओ इमेज बनाओ'
क्योंकि हमारे समाज में आम धारणा यह है कि जो आदमी गाना गाता है वह नफ़रत नहीं फैलाता ।
जबकि यह आदमी अपने विचार के हथियार से आये दिन छवि पर वार करने का ऐलानिया दोषी है।
लेकिन कम टिप्पणी वाले ब्लागर की यहां चलती कब है ?
ख़ैर गाना चलेगा कब तक ?
जल्दी ही छवि पर पुनः प्रहार किया जाएगा । गाना तो मात्र ताज़गी के लिए है वर्ना उनका काम ही ये है कि जिसे मज़बूत देखा उसे सराह लिया और जिसे कमज़ोर देखा उसे 'ग़लत आदमी' ठहरा दिया ।
एक ज़बर्दस्त त्रासदी है यह।