बाबा फरीद अपने मुरीदों के दरमियान |
भारतीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के उपाध्यक्ष डाक्टर सतिंदर सिंह नूर ने इस मौके पर अकादमी की ओर से 24 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है। पंजाबी का इससे अहम स्थान है। यह भारतीय भाषाओं की रीढ़ है। विश्व के 160 देशों में पंजाबी भाषा बोली जाती है। यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 13 करोड़ लोगों की भाषा पंजाबी है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा चीनी (150 करोड़), अंग्रेजी बोलने वाले 53 करोड़ हैं। तीसरे स्थान पर हिंदी बोलने वालों की संख्या 48 करोड़ है।
उन्होंने कहा कि पंजाबी हिंदुस्तान की सबसे पुरानी भाषाओं में शामिल है। विश्व की पांच प्रमुख सांस्कृतिक केद्रों में पंजाब शामिल रहा है। ताजा अनुसंधान से पता चला है कि प्राकृत और संस्कृत से पहले से पंजाबी भाषा मौजूद थी, हालांकि तब उसका नाम कुछ और हो सकता है। इसका पता इससे चलता है कि सबसे प्राचीन द्रविण भाषाओं से पंजाबी का गहरा संबंध है। तामिल में ही पंजाबी के एक हजार से ज्यादा शब्दों का पता चला है। हड़प्पा-मोहेनजोदड़ो सभ्यता के नष्ट होने से पहले ही पंजाबी भाषा मौजूद थी। सभ्यता नष्ट होने पर यहां के लोग विस्थापित होकर पूर्वी प्रदेश में फैले। संथाल भी पुराने पंजाबी हैं। उनका लोकगीत पंजाबी से भरा हुआ है। यहां से लोग तक्षशिला, श्रीनगर, नालंदा विश्वविद्यालय के रास्ते येरूशलम तक गए। इसलिए चीन, कंबोडिया तक सभी भाषाओं में पंजाबी शामिल है। इस बारे में अध्य्यन जारी है। मुल्तान से दूसरा रास्ता हड़प्पा-मोहेनजोदड़ों से होकर दिल्ली, अजमेर, गुजरात, आंध्र प्रदेश , चेन्नई तक गया, इसलिए पंजाबी दक्षिण भारतीय भाषाओं की भी रीढ़ बनी। ऋगवेद, गीता, बाल्मिकी रामायण, ज्यादातर उपनिषद की रचना का केंद्र भी पंजाब ही रहा है। पंजाबी बोलने वालों में नानक पंथी, उदासी साधु, सन्यासी, सिकलीगर (बंजारे) शामिल हैं। खासकर महाराष्ट्र में ही तीन करोड़ सिकलीगर हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाबी पंजाबियों की पहली भाषा है और अंग्रेजी उनकी दूसरी भाषा है। हिंदी संवाद की भाषा है। 1950 में पंजाबी में तीन लाख शब्द थे, जबकि अब बढ़कर 13 लाख हो गए हैं। दूसरी ओर अंग्रेजी में महज 16 लाख शब्द हैं।
इस मौके पर पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के उपकुलपति डाक्टर जसपाल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में पंजाबी भाषा बोली जाती है। ब्रिटेन के कई इलाकों में पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा मिला है। कनाडा, सिंगापुर समेत 160 देशों में पंजाबी बोली जाती है। इसलिए पंजाबी भाषा का निरंतर विकास जारी है। भले ही भाषा पर कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं, लेकिन इसके खत्म होने की कोई आशंका नहीं है, क्योंकि सदियों तक कायम श्री गुरू ग्रंथ साहिब की रचना भी इसी लिपि में हुई है।
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गुरु नानक साहब का कलाम उर्दू में -
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5 comments:
achchha likha he likhte rahiye khuda kre zor e qalam aor ziyada
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मैं भाषा विज्ञानी तो नहीं, परंतु आपकी पोस्ट में दिये नक्शे को ही अगर देखें तो यह बात स्पष्ट हो जानी चाहिये कि लगभग सभी भाषाओं के कुछ शब्द पंजाबी में होंगे या यह भी कह सकते हैं कि पंजाबी के कुछ शब्द एशिया की सभी भाषाओं में होंगे...सवाल यह है कि ऐसा क्यों... तो वजह सिर्फ यही है कि किसी को भी यदि मध्य एशिया से गंगा जमना के दोआब या विन्ध्य के दक्षिण में जाना होगा तो उसे अविभाजित पंजाब से गुजरना होगा ठीक उसी तरह यदि आज के भारत के किसी भी भाषाई समूह के व्यक्तियों को मध्य एशिया की तरफ जाना हो तो उन्हें भी इसी भूभाग से गुजरना होगा...आज से कई हजार साल पहले इन यात्राओं को करने वाले भाषाई समूह काफी लम्बे समय तक 'पंजाब' में रहा करते थे... कुछ ऐसे भी होंगे जो बीमारी, वैवाहिक संबंध या मन रम जाने के कारण इसी भूभाग में ही बस भी जाते होंगे... इसी कारण पंजाबी ने इतनी विविध भाषाओं के शब्दों को अपने में आत्मसात किया है...
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nice post
nice post again.... analysis is quite good....
यह भारत का खंडित नक्शा कश्मीर के अलगाववादीयों से लाए हो?
अच्छा कश्मीर इसीलिये गये थे
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