कुछ ऐतराज़ ही करना होता है तो कुछ भाई यही ऐतराज़ कर देते हैं कि
'आप अपनी पोस्ट में लिंक क्यों देते हैं ?'
भाई पोस्ट किसी ख़ास वजह से दिखाने के लायक़ होती है। इसीलिए उसका लिंक दिया जाता है। यह एक कॉमन सेंस की बात है लेकिन आदमी विरोध और ज़िद में यह बात बिल्कुल ही भूल जाता है।
चर्चा मंच हिंदी ब्लॉग जगत का एक प्रतिष्ठित ब्लॉग है।
विंडो लाइव राइटर का इस्तेमाल करके लिखी जाने वाली पोस्ट्स इसकी सुंदरता में इज़ाफ़ा कर देती हैं और कभी कभी तो इसके चर्चाकार बहुत ज़्यादा ही मेहनत कर गुज़रते हैं और तब वे एक यादगार पोस्ट दे पाते हैं।
मिसाल के तौर पर आप देखिए यह पोस्ट और जानिए हिंदी ब्लॉग जगत के कुछ सुप्रतिष्ठित ब्लॉगर्स की लेखन शैली के बारे में और साथ में आप उनके फ़ोटो और उनका परिचय भी जान सकते हैं-
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तटस्थ रहना पाप नहीं - चर्चा-मंच : 667
इसी पोस्ट के बारे में हमने यह पोस्ट तैयार की है
2 comments:
कुंडली
लोग " तुरंती" पर करें, तुरत तुषारापात |
तुकबंदी जो नापसंद, मिटा दे रहे तात |
मिटा दे रहे तात, नसीहत देते कहते |
रखें ब्लॉग पर लेख, वहाँ हम आते रहते |
आना जाते भूल, सो करें लिंक का जोग |
दिखे सामने साफ़, तो लाभ उठा लें लोग ||
कुंडली की पूंछ
कुछ अरसे से दे रहा, अपने इक-दो लिंक |
उन मित्रों की कलम में, नहीं बची पर इंक ||
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||
कहने वालों के लिए मुद्दों की कभी कमी नहीं होगी। करने वालों के लिए भी अपनी धुन में रहना ही ठीक।
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