मैं एक इंसान हूं और निवास भारत में है। लोगों को बेवजह नफ़रत करते हुए और अपना जीवन व्यर्थ करते हुए देखता हूं तो दुख होता है। लोगों को उसूली ज़िंदगी जीने की प्रेरणा देना मेरा काम है। रोज़ी-रोटी के लिए भी भागदौड़ करनी पड़ती है क्योंकि घर में बीवी बच्चे और मां-बाप भी हैं। हमारे मत और हमारी परंपराएं कुछ भी हो सकती हैं लेकिन हम सब इंसान हैं और जो बात भी इंसानियत के खि़लाफ़ जाती है, वह हमारा मत बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। दुनिया बदल रही है, हमें भी बदलना चाहिए लेकिन यह बदलाव बेहतर इंसान बनने के लिए होना चाहिए। जो बात भी बुराई की तरफ़ ले जाए उसे बदलना नहीं भटकना कहा जाएगा। हमें भटकने और भटकाने से बचना चाहिए। यही मेरी सोच है और यही मेरा मिशन है।
आज ‘नवभारत टाइम्स‘ में अपना ब्लॉग बनाया तो मैंने अपने परिचय में उपरोक्त बातें लिखी हैं
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप कौन हैं ?
और क्या कर रहे हैं ?
जबकि आपको करना क्या चाहिए ?
आज ‘नवभारत टाइम्स‘ में अपना ब्लॉग बनाया तो मैंने अपने परिचय में उपरोक्त बातें लिखी हैं
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप कौन हैं ?
और क्या कर रहे हैं ?
जबकि आपको करना क्या चाहिए ?
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