Thursday, April 7, 2011

दो ब्लॉग पर एक ही पोस्ट , अजय जी के साहस को हमारा सलाम मय 11 तोप के गोलों के साथ इसलिए कि शायद सोने वाले जाग जाएं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ Corruption

अजय कुमार झा जी एक रूतबे वाले पत्रकार हैं और हमारी वाणी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख से लेकर सामान्य तक हरेक सदस्य से उनकी जान पहचान भी अच्छी है । जो भी हो ग़लत आख़िर ग़लत है ।
अजय जी ने एक ही पोस्ट दो ब्लॉग पर डाल दी है और शीर्षक भी ज्यादा नहीं बदला ।
जगह जगह मौक़ा बेमौक़ा नियमावली बाँचने वाले द्विवेदी जी की पोस्ट भी उनके ऊपर नज़र आ रही है लेकिन ऐसे मौक़ों पर ये लोग धृतराष्ट्र का रोल प्ले करने लगते हैं ।
देखते हैं कि हमारी वाणी धर्म और अजय जी का रूतबा दरकिनार करके उनके दोनों ब्लॉग्स को आज निलंबित करती है या कल ?

8 comments:

दीपक 'मशाल' said...

Anwar bhaai sabhee poston ko eksaath kholkar dekhiye to.. aapko waham hai ki wo sab ek hi post hain.

DR. ANWER JAMAL said...

@ दीपक मशाल जी ! बड़े दिन बाद आना हुआ आपका हमारे ब्लॉग पर ?
शायद आपने हमारी पोस्ट को तो पढ़ा ही नहीं है। उसके शीर्षक में ही हमने लिखा है कि दो ब्लॉग पर एक पोस्ट पब्लिश की गई है। इसके बाद हमने उन दोनों पोस्ट के लिंक भी दिए हैं अपनी एक और पोस्ट में जिसे आप निम्न लिंक पर जाकर देख सकते हैं।
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/04/anwer-jamal.html
हमारे पोस्ट पब्लिश करते ही तुरंत अजय जी ने एडिट करके एक पोस्ट को बदल कर वह अब ‘जन लोकपाल बिल क्या है ?‘ दिखा रहे हैं।
हमें वहम नहीं हुआ है। अगर आप टेक्नीकल जानकारी रखते हैं तो आप यह जान सकते हैं कि यह पोस्ट मिटाए जाने से पहले क्या थी ?
http://aajkamudda.blogspot.com/2011/04/1.html
बहरहाल आपका स्वागत है !

अजय कुमार झा said...

डॉ. अनवर जमाल जी ,
आपका हमारीवाणी को लेकर बिदकना ्स्वाभाविक ही है , लेकिन शायद आप इतने ज्यादा बौखलाए हुए हैं कि अनाप शनाप लिख रहे हैं । आपने चतुराई तो खूब दिखाई ये साबित करने की ,कि मैंने एक ही पोस्ट दो ब्लॉग पर एक साथ प्रकाशित की , हालांकि मुझे आपको सफ़ाई देने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन अब चूंकि आप शीर्षक में ही मेरे नाम से दंड पेल रहे हैं तो कहना ही पडा । आपको शायद पता नहीं कि मैं अपनी पोस्टों को फ़ेसबुक और बज्ज पर भी पब्लिश होने के साथ ही साझा करता हूं जिसे देख कर कोई भी बता सकता है कि न तो मैंने कोई पोस्ट एडिट की है न ही वो एक पोस्ट है । अभी तो मैं किसी और ही मकसद में उलझा हुई हूं । वैसे इसी काम के लिए मैंने भी एक ब्लॉग " ब्लॉग बकबक " के नाम से बना रखा है ॥ आने वाले समय में मैं भी जरूर दंड पेलना चाहूंगा तब तक धैर्य बनाए रखें मित्र । अभी समय अजय कुमार झा के नाम से पोस्ट लिखने का नहीं है डॉ. साहब ..............आंखें खोलिए और देखिए कि देश किसका नाम ले रहा है ..शायद आप समझ सकें । शुक्रिया

DR. ANWER JAMAL said...

भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए धर्म के द्वारा ऊपर उठना ज़रूरी है न कि धर्म से ही ऊपर उठना
@ भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए धर्म के द्वारा ऊपर उठना ज़रूरी है न कि धर्म से ही ऊपर उठना
मेरे प्रिय मित्र ! आप मेरे प्यारे भी हैं और मेरे मित्र भी। ऐसे में भला मैं आपको निशाने पर कैसे ले सकता हूं ?
मेरे निशाने पर है भ्रष्टाचार और पक्षपात और यह हवा में तो होता नहीं बल्कि कोई न कोई व्यक्ति या संघ यह सब करता है। इसलिए मजबूरी में उस आदमी को उसके ग़लत अमल पर टोकना ही पड़ता है। सुधार के इस आह्वान को लोग ‘निशाने पर लेना‘ कह देते हैं। अगर आप ध्यान से मेरी पोस्ट पढेंगे तो आप पाएंगे कि आपकी पोस्ट का ज़िक्र ज़रूर है लेकिन मेरे निशाने पर आप नहीं हैं बल्कि मार्गदर्शक मंडल प्रमुख इज़्ज़मआब जनाब दिनेश राय द्विवेदी जी हैं। उनके विरोध का मतलब उनकी ग़लत नीति का विरोध है न कि उनका अपमान करना। यहां लोग सम्मान देने का मतलब यह समझते हैं कि बड़े को उसकी ग़लत बात पर भी न टोका जाए। मैं उनका सम्मान करता हूं और उनकी ग़लती की निशानदेही करना उनका अपमान नहीं समझता। बड़े भी ग़लती पर छोटों को टोकते हैं और छोटे भी अपने बड़ों को ग़लती पर ध्यान दिला सकते हैं। ऐसा हमारे और विदेश के इतिहास से, हर जगह से सिद्ध है। जो जिसे प्रमाण मानता हो, वहां से देख ले, हमारी बात की तस्दीक़ हो जाएगी।
हम विरोध के बावजूद उनका सम्मान करते हैं इसीलिए आपको हमारे अनुपम समाचार पत्र ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर वकील साहब का ‘तीसरा खंबा‘ गड़ा हुआ नज़र आएगा। इस समाचार पत्र की लोकप्रियता का अंदाज़ा आप पाठकों की संख्या दर्शाने वाले ग्राफ़ से बखूबी लगा सकते हैं, जो कि इसके साइड में लगा है। जब हम उनका ब्लॉग लगा सकते हैं जो हमें हमारा ज्ञानदीप बुझाने की धमकी देते रहते हैं तो फिर आप जैसे प्यारों का ब्लॉग वहां भला क्यों न होगा ?
आप देखेंगे तो अपने ब्लॉग ‘आज का मुददा‘ को भी वहीं पाएंगे। फ़िलहाल जो है, उसमें आप शरीक हैं और आगे जो भी बनाएंगे, उसमें भी बिना आपके कहे आपको शामिल कर लिया जाएगा। प्यारों को दिल के क़रीब रखा जाए तो दिल को सुकून मिलता है।
इस मुददे पर विस्तृत चर्चा के लिए आप और दीगर साहिबान को निम्न लिंक पर पधारने की ज़हमत दी जा रही है।

http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/04/anwer-jamal.html

विश्‍व गौरव said...

सब जानते हैं आप केवल सच कहते हैं, सच कहने वालों में से हैं

लेकिन ऐसी पोस्‍ट बनाने से पहले अच्‍छा हो कि आप सबूत रख लिया करें

तुरंत पोस्‍ट बदल लेने से गूगल आदि रिकार्ड नहीं बना पाता

सञ्जय झा said...

philhal....hamarivani ke 3 aur 6 no.
ka post ek hi blogger ka ek hi blogger ke liye hai.......

दुनिया पीछे लग जाएगी , आपके भी
फिर सोच लो, टिपण्णी कहाँ लगा बैठे ?

mere samajh me logon ko apke tippani tag ke bare.....sahi gyan hai....so apke sakaratmak post par bhi shayad ek-adh se jyada tippani
nahi aati......lekin jaise hi aap
nakaratmak post lekar aate hain...
jinhen uchit nahi lagta....virodh
prakat kar jate hain....

salam.

DR. ANWER JAMAL said...

@ संजय झा जी ! सही आकलन के लिए आपका शुक्रिया !!
आपको भी सलाम !!!

देखें कमेंट्स गार्डन

Saleem Khan said...

अजय जी मेरे पास तोपें नहीं है, मेरे पास तो दुनाली बन्दुक है कहिये तो वही दाग़ दूँ ! धायँ-धायँ !!