अविनाश वाचस्पति जी जैसा बड़ा ब्लॉगर घोषित कर चुका है कि 28 अप्रैल को बुधवार है तो फिर 29 को बृहस्पतिवार अर्थात जुमेरात ही तो हुई। आप ठहरे मुल्ला जी, इस मुल्क में मुसलमान की बात का ऐतबार नहीं किया जाता, चाहे वह ठीक ही क्यों न हो ? ग़लत लोगों के पीछे और ग़लत बात पर चलना ही मुख्यधारा का चलन है यहां और अब हम भी इसी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। कुछ लिखते हैं तो एग्रीकटर काट देता है सो इसमें कुछ लिखा ही नहीं। इस तरह हमने हमारी वाणी से ही ट्विटर का काम ले लिया और यह भी दिखा दिया कि तू डाल डाल तो हम पात पात। कहां तक काटेगा तू हमारी पोस्ट ? अपनी पोस्ट हम खुद ही काट देंगे। हम हमारी वाणी को कुछ कह नहीं रहे हैं तो हमें छेड़ा जा रहा है। लेकिन अभी हम ‘ईनाम घोटाले‘ का खुलासा करने में लगे हैं। खुशदीप जी की वजह से हमारी वाणी की इतनी बड़ी ग़लती को हमने नज़रअंदाज़ कर दिया। वर्ना क्या कमी है पिछली पोस्ट में ? तुरंत ही क्यों हटा दिया उसे हमारी वाणी ने अपने बोर्ड से ? यह लिंक भी देखिए और बताइये कि 29 को जुमा कैसे हो सकता है ? http://www.nukkadh.com/2011/04/28.html
2 comments:
हमारे कैलेण्डर में उस दिन यानि 29 अप्रैल को जुमा होगा
अविनाश वाचस्पति जी जैसा बड़ा ब्लॉगर घोषित कर चुका है कि 28 अप्रैल को बुधवार है तो फिर 29 को बृहस्पतिवार अर्थात जुमेरात ही तो हुई। आप ठहरे मुल्ला जी, इस मुल्क में मुसलमान की बात का ऐतबार नहीं किया जाता, चाहे वह ठीक ही क्यों न हो ?
ग़लत लोगों के पीछे और ग़लत बात पर चलना ही मुख्यधारा का चलन है यहां और अब हम भी इसी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। कुछ लिखते हैं तो एग्रीकटर काट देता है सो इसमें कुछ लिखा ही नहीं। इस तरह हमने हमारी वाणी से ही ट्विटर का काम ले लिया और यह भी दिखा दिया कि तू डाल डाल तो हम पात पात।
कहां तक काटेगा तू हमारी पोस्ट ?
अपनी पोस्ट हम खुद ही काट देंगे।
हम हमारी वाणी को कुछ कह नहीं रहे हैं तो हमें छेड़ा जा रहा है।
लेकिन अभी हम ‘ईनाम घोटाले‘ का खुलासा करने में लगे हैं।
खुशदीप जी की वजह से हमारी वाणी की इतनी बड़ी ग़लती को हमने नज़रअंदाज़ कर दिया। वर्ना क्या कमी है पिछली पोस्ट में ?
तुरंत ही क्यों हटा दिया उसे हमारी वाणी ने अपने बोर्ड से ?
यह लिंक भी देखिए और बताइये कि 29 को जुमा कैसे हो सकता है ?
http://www.nukkadh.com/2011/04/28.html
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