Monday, April 25, 2011

यह अंदर की बात है, लिहाज़ा इसे अंदर ही रखना Blog Fixing


‘लालच इंसान को गिरा देता है और गुटबंदी में पड़कर आदमी इंसाफ़ से हट जाता है।‘ यही बात एक एग्रीगेटर को एग्रीकटर में तब्दील कर देती है। जब यह सब हो तो कुछ ऐसे सवाल ज़रूर सिर उठाते हैं, जिन्हें आप निम्न लिंक पर जाकर न ही देखें तो अच्छा है।
आखि़र क्या फ़ायदा है सच जानने का ?, जबकि सच का साथ देना ही नहीं है।
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/blog-fixing_25.html
और यह भी :

कैसा होता है एक बड़े ब्लॉगर का वैवाहिक जीवन ? Family Life



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