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शरीर का मल बाहर निकलता रहे, इसके लिए हम पूरा ध्यान रखते हैं लेकिन अपने मन की बेहतरी के लिए हम ऐसी कोशिश नहीं करते। इसी का नतीजा यह होता है कि हमारे भीतर बहुत से नकारात्मक और फ़ालतू विचार जमा हो जाते हैं और प्रायः वही हमारे मन में घूमते रहते हैं। हमारे फ़ैसले इन्हीं की बुनियाद पर होते हैं। ग़लत फ़ैसलों के नतीजे भी ग़लत ही निकलते हैं और हमारे साथ वे लोग भी दुख भोगते हैं जो हमारे ग़लत फ़ैसलों से प्रभावित होते हैं।
किसी भी मर्द या औरत का सुंदर चेहरा और शरीर अक्सर क़ुदरत का तोहफ़ा होता है। इसीलिए जितने भी सुंदर मर्द या औरतें मॉडलिंग के फ़ील्ड में हैं, वे अपनी मेहनतों से ख़ूबसूरत नहीं बने हैं बल्कि वे पहले से ही ख़ूबसूरत थे। उन्होंने तो बस अपने शरीर की ख़ूबसूरती को निखारा है और उसका रख-रखाव मात्र किया है।
हरेक शरीर अपनी जगह ख़ूबसूरत है लेकिन फिर भी ख़ूबसूरती को आंकने के लिए जो पैमाने बना लिए गए कि लंबाई और वज़न कितना होना चाहिए और किस अंग की नाप कितनी हो ? आदि आदि
इस पैमाने पर पूरा उतरना हरेक मर्द या औरत के लिए आसान नहीं है क्योंकि लंबाई बढ़ा लेना किसी के हाथ में नहीं है। इसी वजह से बहुत कम शरीर सुंदरता के पैमाने पर पूरे उतरते हैं। जो चीज़ किसी इंसान के हाथ में ही न हो। उस पर परखकर इंसान को बेहतर या कमतर क़रार देना ठीक नहीं है और ख़ासकर तब जबकि इंसान मात्र शरीर नहीं है।
इंसान की हक़ीक़त उसके अंदर छिपी रहती है लेकिन उसके विचार और उसके कर्म उसकी हक़ीक़त को ज़ाहिर करते हैं। जिसके विचार सुंदर और कर्म अच्छे हैं, वही इंसान वास्तव में सुंदर कहलाने का हक़दार है, चाहे वह मर्द हो या औरत।
यह हरेक इंसान के हाथ में है कि वह क्या सोचना चाहता है और वह क्या करना चाहता है ?
सच्ची सुंदरता को पाने का सरल उपाय
इंसान के मन में प्रायः चार प्रकार के विचार पाए जाते हैं
1. ज़रूरी विचार
2. व्यर्थ विचार
3. नकारात्मक विचार
4. सकारात्मक विचार
1.ज़रूरी विचार- अपने वुजूद को बाक़ी रखने के लिए इंसान को खाने-पीने, मकान-लिबास, शिक्षा और इलाज की ज़रूरत होती है। इन्हें पाने के लिए जो विचार होते हैं। वे ज़रूरी विचार की श्रेणी में आते हैं।
2. व्यर्थ विचार- जो इंसान अतीत और भविष्य के विषय में अत्यधिक विचार करता है। वह व्यर्थ विचारों में खोया हुआ रहता है। अतीत एक सपना है और भविष्य एक कल्पना है जबकि वर्तमान हमारा अपना है। हमें वर्तमान में जीना चाहिए। हमारा वर्तमान ही हमारे भविष्य को निर्धारित करता है।
3. नकारात्मक विचार- अपने फ़ायदे या अपने इंतक़ाम के लिए दूसरों को नुक्सान पहुंचाने के विचार नकारात्मक विचार कहलाते हैं। ग़ुस्सा, अहंकार और जलन वग़ैरह इसी श्रेणी में आते हैं। इन्हें त्यागने की ज़रूरत है।
4. सकारात्मक विचार- नकारात्मक विचारों के विपरीत प्रेम, शांति और परोपकार के विचार सकारात्मक
विचार कहलाते हैं। इंसान की कामयाबी की बुनियाद और सभ्यता के विकास का आधार यही विचार होते हैं। सकारात्मक विचार ही इंसान को सबके लिए उपयोगी बनाते हैं और समाज में लोकप्रियता दिलाते हैं।
अपने विचारों को जानने और संवारने की यह कला ‘थॉट मैनेजमेंट‘ कहलाती है। इस कला के माध्यम से आदमी अपने मन को सुमन बना सकता है। एक सुंदर व्यक्तित्व कहलाने का हक़दार वास्तव में वही है जिसने अपने मन को सुमन बना लिया है।
5 comments:
मन की सुंदरता के लिए ऐसा करना बहुत ज़रूरी है। यही बात शरीर के लिए भी है कि वह तभी तक सेहतमंद और सुंदर रह सकता है जब तक कि उसके अंदर का मैल पसीने
nice.
हरेक शरीर अपनी जगह ख़ूबसूरत है लेकिन फिर भी ख़ूबसूरती को आंकने के लिए जो पैमाने बना लिए गए कि लंबाई और वज़न कितना होना चाहिए और किस अंग की नाप कितनी हो ? आदि आदि
इस पैमाने पर पूरा उतरना हरेक मर्द या औरत के लिए आसान नहीं है क्योंकि लंबाई बढ़ा लेना किसी के हाथ में नहीं है। इसी वजह से बहुत कम शरीर सुंदरता के पैमाने पर पूरे उतरते हैं। जो चीज़ किसी इंसान के हाथ में ही न हो। उस पर परखकर इंसान को बेहतर या कमतर क़रार देना ठीक नहीं है और ख़ासकर तब जबकि इंसान मात्र शरीर नहीं
bahut sundar vicharon se bhari hai aapki ye post.ek filmi gana bhi aapki is bat ka samarthan karta hai-''dil ko dekho chehra n dekho chehron ne lakhon ko loota ,dil sachcha aur chehra jhootha .aapke sundar vicharon ne post ka mahtva char guna badha diya hai.aabhar.
@ राशिद भाई !
@ शालिनी जी !
आपको मेरे विचार अच्छे लगे, मेरा दिल ख़ुश हुआ। शरीर के साथ हमें अपने मन और अपनी आत्मा का ध्यान भी रखना चाहिए बल्कि शरीर से ज़्यादा ध्यान हमें अपने मन और अपनी आत्मा का रखना चाहिए।
फ़िल्मी गानों के माध्यम से भी शायर ने एक अच्छा संदेश दिया है।
धन्यवाद !
आपका सुन्दरता पर विश्लेषण क़ाबिले तारीफ़ है.
nakaratnak aur sakaratmak vichaaron ki samiksha karataa huaa,saarthk lekh.sarir ki sundertaa per to aapka wash nahi hai per man ko sunder to ham banaa hi sakten hain,bahut hi achche vichaaron ko batati hui achchi rachanaa.badhaai sweekaren.
please visit my blog.thanks.
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