Tuesday, June 14, 2011

ग़ददार की मूल पहचान क्या है ?

हमने पिछले लेख में बताया था कि हमने कश्मीर में मुसलमान समझ कर उस पर ऐतबार किया और उसने धोखा किया और फिर उस एक आदमी ने मुझ एक आदमी के साथ ही यह सब नहीं किया बल्कि उस पूरे बाजार के दुकानदारों ने हमारे पूरे ग्रुप के साथ यही धोखाधड़ी की ।
धार्मिक-सामाजिक आंदोलन लेकर चलते वालों में भी यही मिज़ाज देखने में आता है ।
बात क्योंकि मुसलमानों की चल रही है तो यहाँ बाबरी मस्जिद के इश्यू पर भड़काने वाले मुस्लिम नेता सहज ही याद हो आते हैं । लोग मर गए औय ये ज़िंदा हैं । मुसलमान बर्बाद हो गए और ये मंत्री बन गए। अभी भी ये नेता मरे नहीं हैं। फिर से यूनाइट होकर ये मुसलमानों को बहका रहे हैं । जिन मुसलमानों को ग़ददारों की पहचान नहीं होती वे इन नेताओं के हाथों भी ठगे जाते हैं और अपने दोस्तों के हाथों भी ।
ग़ददार की ख़ास पहचान यह है कि वह एक साथ दो नाव की सवारी करता है । एक तरफ़ तो वह मुसलमानों से इस्लामिक कॉज़ के लिए काम करने की बात कहता है और दूसरी तरफ़ इस्लाम को झूठा और ईश्वर अल्लाह को मन का वहम बताने वालों का भी दोस्त बना रहता है । ऐसा वह इसलिए करता है ताकि उस पर कोई मुसीबत किसी की तरफ से भी न आए और वह लाभ दोनों वर्गों से उठाता रहे । यह दोनों वर्गों के सामूहिक हितों के लिए काम नहीं करता बल्कि दोनों वर्गों के लोगों को अपनी ज़ाती ग़र्ज़ के लिए इस्तेमाल करता है । यह ग़र्ज़ पैसा , पद या पुरस्कार कुछ भी हो सकता है ।
ग़ददार की यह मूल पहचान है ।

3 comments:

Shalini kaushik said...

bilkul sahi kah rahe hain aap.

Saleem Khan said...

achchhi post...

ब्लॉग जगत के जिस शख्स ने हमारीवाणी.कॉम का नामकरण किया था उससे पहले उसने ही हमारीअंजुमन.कॉम का भी नामकरण किया था.

S.M.Masoom said...

The munafiqs are hypocritical and villainous people as they pretend to be believing although they do not. What is worse is that they do not do evil on their own, but penetrate into the society of the believers and act as if they are one of them.
The hypocrites – they think they are over-reaching Allah SWT But He will over-reach them: when they stand up to prayer, they stand without earnestness, to be seen of men, but little do they hold Allah SWT in Rememberance.” (Al-Mu’minun:142)
Prophet Muhammad SAW, it is said that “a hypocrite, when he speaks, tells lies, when he promises, breaks his promise.