जैन मुनि बोले 15 को कर लूंगा आत्मदाह
बड़ौत (बाग़पत) मे जैन मुनि मैत्रि प्रभ सागर जी महाराज का आमरण अनशन 16वें दिन भी जारी रहा। अनशन ख़त्म कराने बड़ौत पहुंचे कमिश्नर भुवनश कुमार की जैन मुनि से वार्ता विफल हो गई।
मुनि ने कमिश्नर के सामने ही चेतावनी दी कि यदि 14 मई तक उन्हें यांत्रिक क़त्लख़ाने बंद करने का लिखित प्रमाण पत्र नहीं मिला तो 15 मई को वह यहीं आत्मदाह कर लेंगे।
... कमिश्नर के स्वामी दयानंद से जैन मुनि को कुछ होने के लिए ज़िम्मेदार ठहराने पर उन्होंने भी जैन मुनि के साथ आत्मदाह करने की धमकी दे दी।
दैनिक हिन्दुस्तान, मुखपृष्ठ दिनांक 12 मई मेरठ संस्करण
जैन मुनि यांत्रिक स्लॉटर हाउस के निर्माण को लेकर चिंतित हैं, हम भी चिंतित हैं। वह उनके निर्माण को रूकवाना चाहते हैं, हम भी चाहते हैं कि यह रूके लेकिन इसी के साथ हम कोई अव्यवस्था खड़ी करने के पक्षधर नहीं हैं। हम दोनों का मक़सद एक होने के बावजूद उसकी वजहें भी अलग हैं और तरीक़ा भी।
जैन मुनि आत्मदाह की धमकी दे रहे हैं और वह कर भी सकते हैं। हम उनके फ़ैसले या चेतावनी की कोई आलोचना भी नहीं करना चाहते लेकिन हम यह ज़रूर पूछना चाहेंगे कि क्या उनका ऐसा कहना उचित है ?
क्या उनके आत्मदाह के बाद हिंसा नहीं भड़क उठेगी और उसकी आग में मासूम नागरिक और पुलिस-प्रशासन के जवान ही नहीं झुलसेंगे ?
अपने ही नागरिकों को हिंसा में झुलसाने की तैयारी आखि़र क्यों ?
अहिंसा के व्रतधारियों को इस पर गहन चिंतन की आवश्यकता है।
साथ में देखिये मेरा एक और लेख : http://hbfint.blogspot.com/2011/05/15.html
2 comments:
यदि इसी तरह अनशन के बाद सरकार झुकती रही तो कल हर कोई यही करेगा ,ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाएगी |
@ रतन सिंह जी ! आपकी बात से हम सहमत हैं ।
आत्महत्या धार्मिक रूप से पाप और कानून की नज़र में जुर्म है । अगर संत भी पाप और जुर्म करेंगे तो फिर आम आदमी जुर्म और पाप से कैसे बचेंगे ?
आम आदमियों को जीवन का मार्ग जो दिखाए , वास्तव में वही संत होता है।
शुक्रिया !
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