Wednesday, June 15, 2011

एक ग़ददार की विदाई पर क्या उद्गार मन में आया करते हैं ?

झूठ के पाँव नहीं होते अर्थात झूठ चल नहीं पाता । एक झूठ ही क्या कोई भी ग़लत बात नहीं चल पाती।
गुटबाज़ी और पक्षपात भी एक ग़लत बात है । यह भी ज़्यादा दिन चल नहीं पाती और एक दिन ज़लील भी होना पड़ता है और पीठ दिखाकर मैदान से भी भागना पड़ता है । कोई इस पलायन को ज़मीनी स्तर पर काम करना कहता है और कोई ब्लॉग जगत से रिटायरमेंट । इन नशेड़ियों को ब्लॉगिंग का चस्का इतना ज़्यादा लग चुका होता है कि फिर ये दूसरी आईडी से ब्लॉगिंग करते रहते हैं लेकिन शोहरत के इन भुक्खों को लगता है कि अब तो हमें न कोई रेडियो बुलाएगा और न ही टी. वी. चैनल बल्कि कहीं ईनाम की रेवड़ियाँ किसी अंधे ने बाँटीं तो फिर वह भी नहीं मिलेगी । सो वह फिर से ब्लॉग लिखना शुरू कर देता है और सारा विराम रखा रह जाता है ।
जिसके साथ उसने छल कपट किया होता है या कोई ग़ददारी की होती है । वह उसे कभी नहीं भूलता ।
ऐसे आदमी के साथ ग़ददारी करने का मतलब अपना कैरियर ख़त्म कर लेना होता है । उसकी बात चलती है क्योंकि वह सच लिखता है और सच के अपने पाँव होते हैं ।
अब वह चला जाए या फिर से आ जाए या कोई और मक्कारी और ग़ददारी करे लेकिन उसकी छवि सदा के ख़त्म हो जाती है ।
जो आपकी छवि ख़राब करे , आप उसकी हक़ीक़त दुनिया को बता दीजिए कि सज्जन नज़र आने वाला यह आदमी कितना बड़ा ग़ददार है ?
एक ग़ददार की विदाई पर ये उद्गार मन में आया करते हैं ।
क्या आप सहमत हैं ।
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1 comment:

DR. ANWER JAMAL said...

किसी ग़ददार ने हमारी वाणी पर मेरी पोस्ट को 105 हिट्स दिए और मेरी पोस्ट को टॉप पर कर दिया है। कल भी उसने मेरी एक पोस्ट 'गंदी राजनीति करने वाले फ़नकारों का नोटिस लीजिए' पर भी 77 से ज्यादा हिट कर दिए थे । वह पोस्ट अभी भी हमारी वाणी में टॉप पर नं 2 है।
यह है ब्लॉग जगत के ग़ददारोँ की गंदी राजनीति।

@ भाई ख़ुशदीप जी, कृप्या ध्यान दीजिए !

@ इरफ़ान भाई ! बराय करम ध्यान दीजिए ।

अब मुझे मजबूर किया जा रहा है हमारी वाणी का इतिहास बताने पर और अब मैं बताऊँगा कि वह कौन है जो आज सज्जन बन रहा है लेकिन ब्लॉगवाणी पर वह 5 फ़र्ज़ी वोट देकर अपनी पसंद के ब्लॉगर की पोस्ट हॉट में लाया करता था ?
और तब आपको यह भी पता चल जाएगा कि वह आज जिससे ग़ददारी कर रहा है उसके लिए वह क्या क्या जतन किया करता था ?
उसकी वफ़ादारी और सेवा को जानने के बाद आप उसके आज के आचरण से तुलना करेंगे तो आप को पूरा यक़ीन हो जाएगा कि वह किसी लालच में पड़कर ग़ददार हो गया है ।